बेसिक शिक्षा नियमावली में संसोधन कर अन्य प्रदेशों की भांति उ0प्र0 के शिक्षामित्रों का स्थाई समाधान करे केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार
जैसा कि आप सभी को विदित है मा0 प्रधानमंत्री जी ने वाराणसी की जनसभा मे खुले मंच से उ0प्र0 के शिक्षामित्रों को आश्वस्त किया था।ग्रह मंत्री अमित शाह जी ने भी शिक्षामित्रों को नियमित किये जाने की वात कही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी व पूर्व सांसद गोरखपुर ने शिक्षामित्रों के वीच पहुचकर स्थाई समाधन की बात कही थी।
औऱ 2017 के भाजपा के संकल्प पत्र में भी शिक्षामित्रों की समस्या का स्थायी समाधान की बात कही गई थी।यह वात अलग है उस समय प्रदेश में सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। 10000 रुपये के अल्प मानदेय से किस तरह से अपने परिवारों का भरणपोषण कर रहे हैं किसी नेता व अधिकारी से छुपा नही है जबकि काम शिक्षकों के वरावर ही नही औऱ अधिक लिया जाता है सम्पूर्ण भारत देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत संविदा शिक्षकों में सबसे कम मानदेय भी उ0प्र0 के शिक्षामित्रोंको ही दिया जा रहा है।
हम केंद्र सरकार व उ0प्र0 सरकार से मांग करते हैं आपकी दोनों जगह सरकार है जो करना चाहोगे वह हो जायेगा। उ0प्र0 के 158000 शिक्षामित्रों की 21 वर्ष की तपस्या को ध्यान रखकर अन्य प्रदेशों की भांति बेसिक शिक्षा नियमावली में संशोधन कर उ0प्र0 के शिक्षामित्रों का स्थाई समाधान करने का कस्ट करें ।शिक्षामित्र भी अबशेष बचे जीवन को सम्मान के साथ जी सकें।
विनय यादव
प्रदेश प्रवक्ता व जिलाध्यक्ष अलीगढ़
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ