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Friday, 15 November 2019

1.24 शिक्षामित्र केस में सरकार के द्वारा लगाए काउंटर में फिर से वही बात। भोला शुक्ला का न दे साथ।

योगी सरकार का 124 प्रकरण पर जो हलफनामा लगाया है उसमें रोना यह है कि हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश में इन्हें अध्यापक से शिक्षामित्र के पद पर पदस्थ कर दिया और 3500/- से बढ़ाकर 10,000/- इनका मानदेय कर दिया है, इसलिए इनकी याचिका पोषणीय नहीं है, अतः इसे खारिज कर दिया जाए?


     यह शत प्रतिशत सत्य है कि यह याचिका केवल छ: पीड़ित शिक्षामित्रो ने मिलकर याचिका डाली है और पैसा 124000/- पीड़ित शिक्षामित्रो के जेब से निकलवाया जा रहा है, यदि वास्तव में भोला प्रसाद शुक्ला व अन्य की टीम ईमानदारी से काम करती हैं आज कोई वरिष्ठ वकील खड़ा करवा रिज्वांइडर लगाने के बाद बहस करता लेकिन स्वयं 04 सप्ताह का समय मांग कर मुकदमा अब 2020 में दो- तीन सुनवाई के बाद अन्तिम फैसला आयेगा, फैसला चाहे जो भी आये?










counter in supreme court

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