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Tuesday, 26 November 2019

संजीव बालियान अब आक्रामक रूप से लड़ेंगे शिक्षामित्रों का केस। 4 से 5 माह में हो निर्णय।

मै आज आपके सामने एक सुझाव रख रहा हूँ। पंसद आये तो इस पर अम्ल करे।
                 किसी भी लडाई को लडने के लिये उस लडाई को लडने के लिये बनाई रणनीति का बहुत योगदान होता है। जैसा कि आप सभी जानते है फिलहाल मे आपकी चार प्रमुख लडाई कोर्ट मे चल रही है।68500,69000, भोला शुक्ला ओर मेरी लडाई ।इनमे से जो लडाई हाईकोर्ट मे चल रही है अगर इनमे आप जीत जाते है तो आप सभी जानते है कि सरकार इनको सुप्रीम कोर्ट लेकर अवश्य जायेगी वो भी इतनी जल्दी हार नही मानेगी। तो इन सब पर हमारी रणनीति क्या होनी चाहिये और जिससे इन सब केसो मे हम जीत दर्ज कर सके।



ओर इसमे हमे कितना समय लेना चाहिये ये लक्ष्य निर्धारित होना चाहिये।जैसे अगर मे कहूँ कि इसमे हमे 4से 5महीने से एक भी दिन ज्यादा नही लेना है।तो हमे रणनीति भी ऐसी बनानी चाहिये।
                   जिस तरह क्रिकेट मे एक खिलाडी आक्रामक भूमिका मे रहता है और एक डिफेन्सिव होकर खेलता है।जो खिलाडी आक्रामक भूमिका मे रहता है वो विपक्षी खेमे हलचल मचाता रहता है।उसी प्रकार अगर हम इन केसो पर नजर डालै तो इस लडाई मे मेरी भूमिका आक्रामक रूख मे लडने की है तो सब विपक्षी खेमो मे हलचल पैदा होना स्वाभाविक है।मै उनके मस्तष्कि पर प्रहार करूगाँ जिससे वो राजनीति से प्रेरित ना होने पाये उनके सामने ऐसी परिस्थितियो का निर्माण करे जिससे अगर हाईकोर्ट वाले भी केस भी सुप्रीम कोर्ट जाये तो उनके फैसलै भी एक से दो तारीख मे आ जाये।




ओर ये तब होगा जब आप सब एक टीम की तरह काम करोगे। तो सब केसो मे पोजीटिव ही रिजल्ट आयेगा।मै इतने आक्रामक तरीके से खेलना चाहता हूँ जीत निश्चित हो।
और आप भी इन बातो को नजर अंदाज नही कर सकते सब लडाईयो को आप अपनी लडाईयां बना लीजिये क्योकि सबमे आपका ही कुछ ना फायदा होगा ।और 5महीने के लिये सारे निगेटिव विचारो को कुडे के ढेर मे फेक दीजिये फिर देखना उस पोजिटिव सोच सै जो ऊर्जा निकलेगी वो आपको आपके लक्ष्य पर पहुँचाकर ही दम लेगी।
                आप ये मत सोचो कि जज क्या फैसला देगे।आप सब ये सोचो कि इन सब केसो का फैसला वो जज तय नही करेगे ब्लकि हमारा कर्म तय करेगा।अपने कर्म के स्तर को इतना ऊँचा कर दीजिये जहाँ से देखने पर जज भी वो फैसला लिखने पर मजबूर हो जाये जो आप चाहता है।और साथ साथ अपनी परीक्षा की तैयारी भी करते रहै जिससे आप पर लगा अयोग्यता का ठप्पा भी हट जाये।



              मेरी लडाई आप सबका उत्साह वर्धन भी करूगी ।ओर इसका नुकसान 1%भी नही है ओर फायदा 99% है ।और इसका फायदा उन मृतक शिक्षामित्रो के परिवारो को भी मिलेगा ओर उनकी मदद करने के लिये भी सरकारो को बाध्य होना पडेगा। बाकी आप सभी बुद्धि जीवी है। जो समाज आपको अयोग्य बताता है कम से कम उस समाज आज एक व्यक्ति आपके लियै खडा है कल दस भी खडे हो जायेगे।इसलिये चिन्ता का त्याग करके रण के लिये खडे हो जाये।



अंहकार का त्याग कर दे निजी महत्वाकाँक्षाऔ को 5महीने के लिये छोड दीजिये।फिर देखना निगेटिव कुछ नही होगा हर तरफ से पोजिटिव ही सूचना मिलेगी।इसके लिये आप लोगो को मुझे भी इतना ही स्नैह व प्यार देना पडेगा जो आपने अपने साथियो को दिया है उसमे आप भेद नही करोगो।

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