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Thursday, 20 February 2020

लखनऊ विधान सभा हलचल : शिक्षामित्र मानदेय और समायोजन पर हुई बहस ।

      जैसा कि कल दिनांक - 19 फरवरी को विधानसभा भवन /परिषद में सपा प्रतिपक्ष के नेता श्री राम गोविंद चौधरी व श्री अहमद हसन जी ने बेरोजगारों व 1.70 लाख पीड़ित शिक्षामित्रो के मामले में बड़ी ही संजीदगी से जोरदार तरीके से योगी सरकार के मंत्रियों के सामने मुद्दा उठाया, योगी सरकार के दो विभागीय मंत्री क्रमशः श्रम मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य व बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी जी ने विपक्ष के नेताओं को संतुष्ट करना चाहा ।


     लेकिन उक्त मंत्री जी के आश्वासन भरें शब्दों से बिलकुल संतुष्ट नहीं हुए और विपक्ष की तरफ से अतिशीघ्र समाधान करने को लेकर शोर होने लगा और अंत में सरकार के कोई भी मंत्री उक्त प्रकरण पर सटीक जवाब दे करके संतुष्ट करने में शत प्रतिशत असमर्थ रहे, फिलहाल जब योगी सरकार के द्वारा अभी तक यूपी के बेरोजगारों व पीड़ित शिक्षामित्रो के लिए कोई स्थायी नीति ही नहीं बनी है तो योगी सरकार के विभागीय मंत्री जी जवाब ही क्या देगें?



     बहरहाल अब शत प्रतिशत प्रमाणित हो चुका है कि योगी सरकार बने हुए करीब तीन साल हो रहे हैं लेकिन शत प्रतिशत सच्चाई यह है कि अभी तक योगी सरकार यूपी के बेरोजगारों व पीड़ित शिक्षामित्रो के भविष्य को लेकर कोई भी पालिसी निर्धारित ही नहीं की है केवल उक्त पीड़ितों को योगी सरकार के द्वारा शत प्रतिशत गुमराह किया जा रहा है और वही पीड़ित शिक्षामित्रो के सभी शीर्ष नेताओं के द्वारा योगी सरकार से सही समय पर सही संवाद स्थापित करके पीड़ित शिक्षामित्रो की गतिमान समस्याओं का समाधान करने में अभी तक शत प्रतिशत असफल रहे हैं?



उक्त परिस्थिति एवं पीड़ा के साथ

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