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Saturday, 16 May 2020

Rizwan Ansari का 69000 Shikshak Bharti को लेकर एक और खुलासा।


सर्वोच्च न्यायालय में 40/45 के कुछ अन्य पैरविकारों की पिटीशन लिस्टेड हो गई है। जिसकी सुनवाई मा0 जस्टिस आर भानुमति, मा0जस्टिस इंदु मल्होत्रा, मा0जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ में आइटम नबंर 13 व 14 पर निश्चित हुई है। 

यह केस हाइकोर्ट में इंगित जजमेंट MCD बनाम Surender Singh के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में लिस्टेड हुआ है क्योंकि ये जजमेंट मा0 जस्टिस आर भानुमति जी ने दिया था जो कि 40/45 के खिलाफ था। यह जजमेंट सरकार को कभी भी पासिंग मॉर्क डिसाइड करने का अधिकार प्रदान करता है। मा0 हाइकोर्ट का जजमेंट इसी MCD जजमेंट के बिहाफ पर दिया गया है। अब आगे की स्थिति आप समझ ही सकते हैं।

चूंकि टीम सर्वजन कल्याण के लिए कुछ खुलासे नही कर रही थी लेकिन मजबूरियां कुछ ऐसी बन गई कि करना पड़ रहा है। टीम की याचिका 3 दिन पहले ही फ़ाइल हो चुकी थी। सरकार व अन्य 60/65 पक्षकारों द्वारा टीम रिज़वान की याचिका को चुनौती दी गई है इसलिए टीम की एक मात्र अपील ही ऑटो रजिस्टर्ड अपील होगी। 

चुकि 25 जुलाई 2017 व भोला प्रसाद शुक्ला केस पर हमारा पूरा केस निर्भर है और उक्त दोनों केस मा जस्टिस यू यू ललित साहब के द्वारा पारित हैं, अतः टीम चीफ जस्टिस साहब को इस सम्बन्ध में सोमवार को लेटर सर्कुलेट करेगी। साथ ही अब ऐसी स्थिति में क काउंसिल से विचार विमर्श करने के उपरांत यह निर्णय लिया है कि टीम अपनी अपील 20 मई को उपरोक्त बेंच में लिस्टेड नही करवाएगी। इस अहम पड़ाव पर अब हम सभी को साथ मे लेकर कोई भी रिस्क उठाने को तैयार नही है। भले ही 2 दिन देर से लगे लेकिन उचित बेंच में लगने पर ही टीम अपनी याचिका की सुनवाई करवाएगी।* 

इस संदर्भ में टीम की बात सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट से भी हो चुकी है। उन्होंने भी यही बात कही जो टीम सोच रही है।


टीम रिज़वान अंसारी

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