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Friday, 27 July 2018

मूल विद्यालय वापसी के इस फॉर्म पर शिक्षामित्रों ने उठाई आपत्तियां Shiksha mitra Latest News

           विभिन्न संगठनों की मांग के बाद शिक्षा मित्रों को उनके मूल विद्यालय भेजने का आदेश शासन ने कर दिया है जिसके उपरांत प्रत्येक समायोजित शिक्षामित्र को अपने विकल्प के आधार पर विद्यालय का चयन करना होगा कि वह वर्तमान विद्यालय में पढ़ाना चाहते हैं या मूल विद्यालय में। महिला शिक्षामित्र को इस में एक अतिरिक्त  विकल्प देते हुए उन्हें अपनी ससुराल या पति के कार्यक्षेत्र के पास विद्यालय चुनने का भी अवसर दिया जाएगा।

            सरकार के इस आदेश की समीक्षा विभिन्न शिक्षा मित्रों ने भिन्न-भिन्न तरीके से की है जिसके अंतर्गत इसे शिक्षा मित्रों के प्रति कोई कूटनीति चाल बता कर उन्हें शिक्षामित्र पद पर पुनः लौटाकर 2019 में शिक्षामित्र पद खत्म करके उन्हें हमेशा के लिए बाहर का रास्ता दिखाने की चाल  बताते है  तो किसी शिक्षा मित्र ने सरकार की इस नीति का, इस आदेश का स्वागत किया है और धन्यवाद दिया है उन्होंने 100 से डेढ़ सौ किलोमीटर दूरी तय करने वाले  शिक्षामित्रों की पीड़ा को समझा और उन्हें उनके मूल विद्यालय भेजने की व्यवस्था कर उन को राहत दी। 




          आपको बता दें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा इस के आदेश दे दिए गए हैं और समायोजित शिक्षामित्रों की जानकारी प्राप्त की जा रही है और उनसे मूल विद्यालय वापसी के लिए फॉर्म भरवाया जा रहा है। लेकिन यह फॉर्म अलग अलग जिलों में अलग - अलग देखने को मिला है। इसमें से एक फॉर्म  की प्रति नीचे दे रखी  हैं जिसमें घोषणा पत्र में स्पष्ट लिखा है की समायोजित शिक्षामित्र अपनी स्वेच्छा से अपने मूल तैनाती वाले विद्यालय में शिक्षामित्र पद पर वापस होना चाहता है यहां से शिक्षा मित्रों का तर्क यही है कि इस घोषणा में मूल विद्यालय के साथ-साथ मूल पद शिक्षामित्र को क्यों जोड़ा गया है ? 

             12 अगस्त को हाईकोर्ट में अवमानना वाले केस की सुनवाई होनी है, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार को अपना काउंटर दाखिल करना है। इस आदेश  के अधीन शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया है कि सरकार जबरन शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर भेज रही है। तर्क यही है कि शिक्षामित्र चाहे वर्तमान विद्यालय में रहे या मूल विद्यालय में जाए, उसका यह फॉर्म भरना अनिवार्य होगा।


shikshamitra
shiksha mitra transfer form

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