69000 शिक्षक भर्ती पासिंग मार्क्स को लेकर लखनऊ बेंच में चल रहे रिजवान अंसारी के केस की अपडेट आपको इस वेबसाइट पर मिलती रहेगी। आज की लेटेस्ट अपडेट के लिए इस पेज को थोड़ी देर बाद रिफ्रेश करके आप फिर देख सकते हैं
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अनिल तिवारी ने बहस पूरी की,डा एल पी मिश्रा की बहस
डॉ मिश्रा ने कहा आज सब क्लियर हो और सुनवाई ख़त्म हो तिवारी जी द्वारा कही हुई बातों का तथ्यात्मक जवाब कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए मिश्र जी
60-65तो सबके लिए है लेकिन आपको कैसे पता कि आप बाहर हो जाएंगे इसके लगने से जबकि आपको भारांक भी मिल रहा है जज साहब ने पूछा(एल पी मिश्रा)वादी पक्ष के अधिवक्ता से।।हवाई उड़ गई चेहरे की
विस्तार से
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साथियों आज अपना केस ३.२२मिनट पर टेक अप हुआ सबसे पहले अनिल तिवारी बीएड का पक्ष रखना प्रारम्भ किये उन्होने फिर क्वालिटी और मिनिमम क्वालीफाइंग मार्क का राग अलाप कर कोर्ट को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया उन्होने शिक्षामित्रो को यह कहकर बदनाम करने की कोशिश की जितने साल तक प्राथमिक शिक्षा मे कार्यरत रहेंगे उतने साल ६से १४साल के बच्चो का भविष्य अंधकार मय होगा और यह भी कहा कि इनको सुप्रीम कोर्ट उम्र मे भी छूट दे रही है और भारांक भी दे रही है इसके बाद ३.५०पर हम सब का पक्ष रखने के लिए अद्वितीय विजयी योद्घा डा एल पी मिश्रा जी ने कमान संभाली उन्होने अनिल तिवारी की बातो का खंडन करते हुये सुप्रीम कोर्ट ने जो कल विहार राज्य से सम्बन्धित आर्डर पर बहस प्रारम्भ किये जिसपर जज साहब पूर्णतयासंतुष्ट दिखे जिस आर्डर मे आयोजित परीक्षा के बाद पासिंग मार्क नही लगाया जा सकता है बल्कि पद के सापेक्ष १०गुनाअभ्यर्थी बुलाये जा सकते है जिसको जज साहब नोट करते रहे इसके बाद में क्वालिटी पर बहस असम राज्य के सुप्रीम कोर्ट आर्डर से किया उन्होने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये यह कहा कि पहले अध्यापक की योग्यता हाईस्कूल इण्टर बीए बीटीसी होती थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश मे परीक्षा न होने पर भीशिक्षामित्र को भर्ती से बाहर करने के लिए परीक्षा थोपी गयी है इनकी बहस चल ही रही थी कि जज साहब ने पूछा की अभी कितनी देर आप बोलेंगे जिसपर डाक्टर साहब ने कहा कि विपक्ष के सभी आरोपो का जबाब हमे देना है जितना भी समय लगे जिसपर जज साहब ने ४.३२मिनट पर २२/२/१९ की डेट समय ३बजे से लगा दी ।
साथियों हम कदापि नही चाहते है कि रोज रोज तारीख लगे क्यो कि तारीख बढ़वाकर हम इस क्षेत्र मे व्यापार करने नही आये है हम तो सिर्फ पासिंग मार्क प्रभावित साथियों के पीड़ित मन को शांति प्रदान करके विजय श्री दिलाने उतरे है हम उतरे नही लेकिन ईश्वर की कृपा से शायद उतारे गये है कंही ईश्वर हमारी परीक्षा तो नही ले रहा है कि जब तक हम गुरु की गुरुदक्षिणा नही अदा कर देते तब तक वह गुरुकुल रुपी हाइकोर्ट लखनऊ से मुक्ति नही प्रदान करेगा इसलिए यदि आप सभी के मन मे ऐसे भाव जगे तो एक प्रयास उस न्यायिक गुरु की गुरुदक्षिणा चुकाने का प्रयास अवश्य करना ।
आपका अपना छोटा भाई
राम शरण मौर्य
बलराम बाजपेयी
गिरीश जायसवाल
शैलेन्द्र पाठक
डीपी शुक्ला
नागेन्द्र मिश्रा
हेम राज
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