*एक संवैधानिक युध्द , हमारे ऊपर हो रहे शोषण के विरुद्ध*🚩
🟡 प्रदेश के सभी टेट सीटेट उत्तीर्ण शिक्षामित्र साथियों विधानसभा शीतकालीन सत्र से कहीं न कहीं आपको बहुत बड़ी उम्मीदें रही होंगी कि शायद 8 अक्टूबर 2024 को माननीय शिक्षा मंन्त्री श्री संदीप सिंह जी की सभी संगठनों के साथ बैठक में कुछ उम्मीदें दिखाई गई थी, आप सभी ने भी आशा की थी कि अनुपूरक बजट में शायद हमारे लिए भी कुछ जरूर होगा पर शायद ऐसा नही हो पाया।
🔵 हम लोगों ने प्रयास किया, सत्ता पक्ष के विधायको से मिल कर , लिखित रूप में अपनी बात भी रखी गयी पर शायद इस अनुपूरक बजट में आपके हाथ एक बार फिर खाली रहे। साथियों अपना कर्म किया गया और आज भी किया जा रहा है।
> साथियों आप को याद होगा,हमारे संगठन के द्वारा पहले ही आपको अवगत करा दिया गया था, कि *अगर 31 दिसम्बर 2024 तक सरकार हमारी समस्याओं/मांगों पर ठोस निर्णय नही लेती है तो 3 जनवरी 2025 से सांकेतिक भूख हड़ताल का कार्यक्रम जिला मुख्यालयों पर किया जाएगा। किन्तु सरकार ने एक फरमान जारी करके 6 माह तक किसी भी हड़ताल पर रोक लगा दी।*
* `लेकिन हमारा कार्यक्रम पूर्ण रूप से अहिंसात्मक/शांतिपूर्ण है जिसके लिए हम सभी माध्यमों से अनुमति लेने का प्रयास कर रहें है। अगर अनुमति मिल जाती है तो प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों पर सांकेतिक भूख हड़ताल का कार्यक्रम 3 जनवरी 2025 को अवश्य किया जाएगा।`
*अगर स्थितियां परिस्थितियां अपने अनुकूल रही तो जंतर मंतर नई दिल्ली में भी हम लोग बैठने को तैयार है।*
🟤 अब बहुत हो गया, जितना हमारे साथ गलत होता गया हम सहते रहे, 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती में हमे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गयी सहूलियत भारांक से वंचित किया गया। शिक्षक भर्ती के प्रारूप बदल कर हमें शिक्षक बनने के अधिकार से वंचित किया गया। आखिर हमारा कब तक शोषण होता रहेगा।
> 333 रुपये देकर पूरा काम लेना ,हमारी स्थिति को एक सामान्य मजदूर से भी बदतर कर दी गयी । आखिर हम यह कब तक सहन कर पाएंगे। हमारे जैसी योग्यता के शिक्षामित्रों को उत्तराखण्ड/हिमांचल राज्यों ने अध्यापक बना दिया, और उत्तर प्रदेश में हमारी स्थिति मजदूर से भी बदतर।
`.☝️.` *अगर अभी कुछ नही कर पाए तो , इतिहास बन कर रह जाओगे, और अपनी योग्यता को साबित करते करते इस विभाग को अपना पूरा जीवन देने के बावजूद खाली हाथ जाना पड़ेगा।* प्रदेश के टेट पास सभी जिम्मेदार साथियों से यही कहना चाहता हूं ,अपने जनपदों पर हताश निराश हुए शिक्षामित्रों को इस संघर्ष के लिए तैयार करो।
हताशा निराशा त्याग तुम,
जी जान से कोशिश करते रहो
मेहनत करना कभी व्यर्थ नहीं होता,
संघर्ष बिना जीवन का अर्थ नहीं होता,
उठो चलो आगे बढते रहो।
जीवन संघर्ष है लड़ते रहो
*शिक्षक/शिक्षामित्र उत्थान समिति उ.प्र.*
`TET/CTET उत्तीर्ण शिक्षामित्रों का एक मात्र रजिस्टर्ड संगठन`