सभी साथियो को नमस्कार व सभी साथियो ने जो स्नेह व विश्वास मुझ पर जताया है उसके लिये आप सबका बहुत बहुत आभार।
साथियो आप सभी ने मेरा कोर्ट मे डाला गया ड्राप्ट पढा है जिसमे मैने इस पुरे भ्रष्ट सिस्टम को व उन जजो को चैलैँज किया जो राजनीति से प्रेरित होकर फैसले सुना देते है।आप किसी भी वकील को ये ड्राप्ट दिखा सकते और उनसे पूछ सकते है कि क्या वो ऐसा कर सकते है।उनका जबाब होगा नही।
कयोकि जजो की मँशा पर सवाल खडा करना कोर्ट की अवमानना होती है।जिस दायरे को तोडते हुए
मैने ये ड्राप्ट डाला। ओर सिस्टम को चैलैँज किया।
कोर्ट मे बैठे जज चाहते तो कोर्ट की अवमानना मे मुझे जेल भेज सकते थे।परन्तु वो सुनवाई को तैयार हुएँ ।क्योकि सच्चाई की ताकत मे बहुत शक्ति होती है।ओर हमेशा याद रखना कि सत्य से कभी असत्य जीत ही नही सकता।
ओर ये आप सब साथियो के स्नेह व उन मृतक शिक्षामित्र साथियो की जो पीडा थी उसने मुझे मजबूर कर दिया कि भले ही मुझे कैसी भी परिस्थितियो का सामना करना पडे मुझे इस अन्याय के खिलाफ लडना ही होगा।ताकि आने वाली पीढिया कम से कम हमे कायर तो नही कहेगी।वो ये तो नही कहेगी कि हमने शोषण के खिलाफ आवाज नही उठाई।
मैने जो पढा है जो समझा है उससे यही निष्कर्ष निकाला है कि किसी भी लडाई का परिणाम कोई दूसरा तय नही करता है उसका परिणाम हमारे कर्म तय करते है।
इसलिये इस लडाई को शुरू किया।और इसमे सभी साथियो का जो स्नेह मिला।वह भी बडा ही सुखद रहा।
इसमे सतीस बालियान मुजफ्फरनगर.सचिन क्रान्ति ,सीमासिहँ कानपुर व शिक्षामित्र संघ के उपाध्यक्ष त्रिभुवनसिहँ ने शिक्षामित्रो की मौत से सम्बधित BSA से माँगी गयी सुचना से सम्बधित पेपर उपलब्ध कराकर इस केस मे जान डालने का काम किया।'
रणजीत जी जो बलिया से है कई महत्वपूर्ण जजमैन्ट उपलब्ध कराकर इसमे अपना योगदान दिया ।रमेश व अनवर कुशीनगर ने कुछ महत्वपूर्ण पेपर उपलब्ध कराये ।रजनीश बलिया .महेश उपाध्याय भदोही शशिकाँत व पाठकजी हमीरपुर व बहुत से साथियो ने जो भरोसा जताया व काबिले तारीफ है।
मै उन सभी साथियो से भी अनुरोध करता हूँकि चाहे वो किसी भी संगठन से जुडा हो और इस केस से सम्बधित कोई महत्वपूर्ण पेपर हो वो उपलब्ध कराने की कृपा करे।क्योकि ये आप सबकी निर्णायक लडाई होगी।इसमे कोई कमी नही छोडेगैं
आप सभी जानते है कि मै शिक्षामित्र नही हूँ।और मेरा ड्राप्ट पढकर ही आपको मेरी भावना का मेरे उद्देश्य का पता चल गया होगा।
एक बार फिर से आप सभी का आभार ।
संजीव कुमार बालियान
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