शिक्षामित्र हित के लिए अब तक सबसे ज्यादा संघर्ष करने वाले कर्मठ आदरणीय SM नेता
1-शाही जी कभी MHRD को लेटर भिजवाते कभी प्रेरणा एप्प कभी कुछ कभी कुछ कराते रहते है और SM उनकी बात को मानकर करते रहते है फिर जब SM शाही जी से माँग करते है कि शाही जी शिक्षामित्रो का अब तो कल्याण कराओ तो उनका ऑडियो आता है कोई भी साथी यह नही सोचे सरकार हमे निकाल देगी में आपको गारन्टी देता हूँ सभी को 62 बर्ष तक नॉकरी कराऊगा किसी भी माइके लाल में हिम्मत हो तो शिक्षामित्रो को निकलवा कर दिखाये वस हम खुश हो गये।
यह आदरणीय तो 62 बर्ष तक 10 हजार में ही नॉकरी करायेंगे।
2-अजय प्रताप टीम जब कोई ऐतिहासिक दिन आना होता है या कोई धरना प्रदर्शन की बात करता है तो यह टीम गारन्टी लेनी शुरू कर देती है सरकार बहुत जल्द शिक्षामित्रो का भविष्य उज्ज्वल करने जा रही है कोई भी साथी सरकार के खिलाफ कोई टीका टिप्पणी न करे।
3-लवलेश शुक्ला जी अपने घर के किसी कमरे में बैठकर शिक्षामित्रो को कभी 3 केटेगरी कभी 2 कटेगरी में बाटते रहते है कि बहुत जल्द सरकार द्वारा शिक्षक का सम्मान मिलने वाला है
बहुत जल्द पूरा वेतनमान मिलेगा।
शिक्षक का सम्मान मिलेगा।
आखिर में इन सभी सरकार के करीबी नेताओ का एक ही बक्तव्य होता है कि SM सरकार की बुराई करने से बचे नही तो सरकार जो कुछ है छीन लेगी जरा कोई साथी इनसे यह भी तो मालूम करे सरकार ने 3 साल में क्या दिया है जो उसे छीनेगी सिर्फ दर्द दुःख और समाज मे अपमान और लगभग 2000 साथियो के बच्चों को अनाथ करने के अलावा।
एक बात और कहे अगर अपने कुछ नेता गलत है तो कम हम तुम लोग भी नही है जैसे कि 124 की ड्रामेवाजी करके उमादेवी जी 9 महीनों तक इकोगार्डन में बुलाकर हम सब को बेबकुफ़ बनाती रही और हम सब बनते रहे फिर भोला शुक्ला जी आदि कोर्ट का खेल खेलकर चन्दा उगाही शुरू की और हम सब चन्दा देते रहे।
बसपा सरकार में 124 को प्रशिक्षण की अनुमति मिली फिर सपा सरकार ने सबको प्रशिक्षण कराने की अनुमति माँगी उसी आधार पर सभी को प्रशिक्षण कराया जिसमे 137 का समायोजन हो पाया फिर केन्द्र सरकार के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन पर रोक लगायी गयी समायोजन रदद् करते समय हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट सभी 172000 शिक्षामित्रो के प्रशिक्षण को वैध कर चुके है अरे आपका सुप्रीमकोर्ट ने समायोजन रदद् किया है न कि प्रशिक्षण रदद् किया है तो 124 कहाँ से सही हो गया और समायोजन रदद् करते समय ही सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षामित्रो का भविष्य राज्य सरकार पर निभर्र कर दिया था तो सरकार से माँग करना उचित है।
और एक होकर कोर्ट के किसी सही आदेश की सरकार से माँग तो करते नही।
जैसे 22/2/2018 को हाईकोर्ट द्वारा शिवपूजन की रिट का आदेश 38878 वाला
दिनेश शर्मा सिद्दार्थ नगर की रिट संख्या 55660 पर 03/01/2020 को हाईकोर्ट द्वारा जो आदेश हुआ है कि सरकार पहले योग्यता पूरी कराके यानि कि विभागीय टेट कराकर उम्र में छूट व अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रो को दो खुली भर्तियों द्वारा समायोजित करे ।
इन सब बातों पे तो ध्यान देते नही और विना जड़ बुनियाद के इधर उधर चन्दा देना शुरू कर देते है।
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