9000/- शिक्षक भर्ती की अन्तिम चयनित सूची पर शीर्ष अदालत में अवमानना रिट के माध्यम से स्टे लगवाना ही मुख्य लक्ष्य पीड़ित शिक्षामित्रो के सभी मुख्य पैरवीकारों का होना चाहिए
जैसा कि आज दिनांक - 26 मई को 69000/- शिक्षक भर्ती में आवेदन पत्र लेने की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है, दिनांक - 31 मई को सभी 75 जनपदो के रिक्त पदों के सापेक्ष अन्तिम चयनित सूची प्रकाशित हो जाएगी और दिनांक - 02 जून से 06 तक काउंसिल करवा के योगी सरकार के द्वारा शत प्रतिशत नियुक्ति पत्र बांटने की योजना बन चुकी है, आज बेसिक शिक्षा मंत्री जी के बयानों से भी प्रमाणित हो चुका है कि शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के बाद भी सरकार कहीं से भी कोर्ट का सम्मान करना उचित नहीं समझ रही है, फिलहाल जैसा कि सुनने में आ रहा है कि आज दिनांक - 26 मई को टीम रिजवान अंसारी के द्वारा शीर्ष अदालत के द्वारा दिनांक - 21 मई के आदेश की प्रति SCERT के महानिदेशक महोदय जी को प्राप्त करा के शीर्ष अदालत के आदेशानुसार शिक्षामित्रो के शिक्षक पदों को सुरक्षित करने के बाद ही अवशेष पदों पर ही नियुक्ति प्रक्रिया शासन सम्पादित करायें?
बहरहाल यह भी शत प्रतिशत सच है कि योगी सरकार बिना कोर्ट के द्वारा स्टे लगाये, भर्ती प्रक्रिया रोकने वाली नहीं है, उक्त परिस्थिति में पीड़ित शिक्षामित्रो के मुख्य पैरवीकारों के पास केवल अन्तिम चयनित सूची को लेकर शीर्ष अदालत में कोर्ट अवमानना याचिका दाखिल करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं बचेगा, क्योंकि यदि सरकार ने यह भर्ती पूरी कर ली तो पीड़ित शिक्षामित्रो को फिर शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई तिथि 14 जुलाई को शायद कुछ न मिल पाये, इसलिए सभी मुख्य पैरवीकारों से आग्रह है कि अन्तिम चयनित सूची प्रकाशित होने पर तुरंत शीर्ष अदालत में कोर्ट अवमानना की याचिका दाखिल करने की तैयारी अभी से प्रारंभ कर दे, अन्यथा पछतावे के सिवाय कुछ भी नहीं मिलेगा?
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