69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आज की सबसे बड़ी अपडेट आयी है लखनऊ हाईकोर्ट से। लखनऊ हाइकोर्ट में विवादित प्रष्नों के लेकर चल रहे केस का ऑर्डर सुनाते हुए 69000 शिक्षक भर्ती पर स्टे लगा दिया गया है।
69000 शिक्षक भर्ती से पूर्व हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों ने कई उत्तर पर आपत्ति कोर्ट में दर्ज करायी थी जिसकी तारीख लगा कर कोर्ट ने ऑनलाइन कोर्ट हियरिंग में सरकार से इसका जवाब भी मांगा था लेकिन अंत में कुछ प्रष्नों पर संस्तुश्टि न होने पर कोर्ट ने विषेशज्ञों की कमिटि बनाकर इसकी रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्द कराने का आदेष दिया है। कोर्ट अब इसको 16 जुलाई को सुनेगा और तब यह तय होगा कि कितने अंक अभ्यर्थियों को सामान्य मिलेगें और कितने अंक बढ़ेगें।
यद्यपि 3-4 अंक बहुत कम है लेकिन इतने अंक बढ़ने पर ही हजारों अभ्यर्थी और पास हो जायेगें और फिर सरकार को उन्हें भी इस भर्ती में ऑनलाइन आवेदन करने का अवसर प्रदान करना होगा। उनके आवेदन के बाद फिर से जिला आवटन की सूची जारी होगी और फिर उनको काउंसलिग में भर्ती कराया जायेगा। यही प्रक्रिया हो सकती है लेकिन कब, यह कोई नहीं कह सकता है।
इसके अतिरिक्त रिजवान अंसारी भी सुप्रीम कोर्ट में टेट पास षिक्षामित्रों की सीटों को रिजर्व करने के लिए अर्जेंसी दाखिल कर चुके हैं जिसकी सुनवाई जून के प्रथम सप्ताह में हो सकती है और टेट पास षिक्षामित्रों को राहत मिल सकती है। तब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी इस भर्ती पर रोक लगाते हुए अपनी डेट 16 जुलाई तक सरकार का पक्ष सुनना होगा।
अंतिम रूप से यही बात है कि फिलहाल इस भर्ती पर रोक लगने से 69000 शिक्षक भर्ती सफल अभ्यर्थियों के लिए फिर से सिर का दर्द बन गयी है। लगभग दो वर्श का समय बीत जाने पर भी यह भर्ती अभी तक पूरी नहीं हो पायी है।
क्या सरकार इस भर्ती प्रक्रिया को जारी रखते हुए केवल याची लोगों को कोर्ट आदेष के अधीन नवीन नियुक्ति बाद में दे सकती है। आप अपने विचार नीचे कमेंट में जरूर दें।
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