अकेले शाही ही जिम्मेदार नहीं हैं जितनी भी आज तक नेता हुए हैं सब जिम्मेदार हैं आज मै इन नेताओ की पूरी कहानी सुनाता हूं किसने कब क्या किया प्वाइंट टो प्वाइंट बात बताता हूं शिक्षा मित्र को शिक्षा मित्र के नेताओ ने ही बर्बाद किया सरकार न समाजवादी की बुरी थी न बीजेपी की सबसे पहले तो बात करते हैं जब हमारा समायोजन हो रहा था तो तत्कालीन सचिव संजय सिन्हा जी ने कहा था के आप लोगो को पहले हम टेट कराए देते हैं जिससे आगे आप को कोई दिक्कत न हो क्योंकि वह जानते थे के बिना टेट समायोजन नहीं बचेगा लेकिन हमारे नेता सचिवों से भी ज्यादा दिमाग रखते थे शाही जी ने कहा हम टेट मंजूर नहीं फांसी मंजूर है
तब सरकार को हमारी मांग के आगे सरकार को झुकना पड़ा क्योंकि सरकार हमे अपना मान चुकी थी इसलिए किसी भी कीमत नाराज़ नहीं करना चाहती थी इसलिए हमारी जिद्द के आगे बिना टेट समायोजन करना पड़ा क्योंकि नेताओ ने सोचा अगर टेट कराकर समायोजन हो गया तो काम पक्का हो जाएगा और शिक्षा मित्र हमारी गुलामी से मुक्त हो जाएगा और फिर बीएड वाले हमारे खिलाफ हाई कोर्ट पहुंच गए और और समायोजन निरस्त हो गया
शिक्षा मित्र इसी दिन से टूट गया और फिर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के नाम से कई टीमें बन गई और लूटना शुरू कर दिया जो उनका मकसद था पैसे कमाने का वह पूरा हुआ नतीजा संजय सिन्हा जी की बात सच हुई हमारा सुप्रीम कोर्ट से भी समायोजन निरस्त हो गया और सुप्रीम कोर्ट ने हमें दो मौके दिय आने वाली भर्ती में शिक्षा मित्रों को उम्र में छूट और वेटेज दिया जाए और तब तक सरकार चाहे तो इन्हे शिक्षा मित्र के पद पर रख सकती है यानी कोर्ट ने सारी कमान सरकार को सौंप दी थी अब जो करना था सरकार को करना था सरकार से बात करने की बजाय हमारे नेताओं ने धरना लगाया इसी दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा धरना और वार्ता एक साथ नहीं हो सकती आप लोग धरना लगाना छोड़ दीजिए
हम वार्ता करने को तैयार हैं पर हमारे नेताओ ने धरना समाप्त करने की बजाय और तेज कर दिया लखनऊ धरने के दौरान सचिव मंच पर आए वार्ता करने के लिए लेकिन उन्हें वहां से बेइज्जत करकर भगा दिया गया मांग करने लगे हमें मुख्यमंत्री जी से वार्ता करनी है और सभी ने धरने में नारे लगाए रंदुओ भड़वो की सरकार नहीं चलेगी नहीं चलेगी प्रधानमंत्री जी की रैली वाराणसी में काले झंडे दिखाए गए इस सब के बावजूद भी सचिवों ने वार्ता के लिए बुलाया गया और प्रस्ताव रखा गया हम टेट पास को तत्काल अध्यापक बना देंगे और बाकी के लिए 17000 हजार मानदेय कर देंगे लेकिन हमारे नेता इस प्रस्ताव पर यह ठोकर मारकर वहां से आ गए कि हमें पूरा वेतनमान चाहिए
पहले जो मिल रहा था उसको ले लेना चाहिए था पर ऐसा नहीं हुआ और फिर उमा देवी का उदय हुआ और इन्होंने इको गार्डन में मुंडन करवाया और अखिलेश यादव जी के साथ फोटो खिचवाय गया सरकार अब पूरे गुस्से मै थी ये सब होने के बावजूद भी सरकार ने हमें शिक्षा मित्र पद से हटाया नहीं और 3500 से बढ़ाकर 10 हजार मानदेय किया लेकिन हमारे नेता टेट को मंजूर नहीं किए और बाद में सरकार ने एक और परीक्षा गुस्से में लगाई सुपर टेट सभी नेताओ ने ऑडियो के माध्यम से अपनी अपनी बात पहुचाई
हमारी सरकार विरोधी जितने भी ऑडियो वीडियो फेसबुक पर किए गए सरकार विरोधी कमेंट किए हमारा दुश्मन बीएड ये सारे सबूत इख्ट्टा करता रहा और सरकार के सामने पेश करता रहा और सरकार हम से पूरी तरह से नाराज़ होती गई एमपी चुनाव में खुले मंच से शिक्षा मित्रों ने समाजवादी पार्टी का सपोर्ट करने का ऐलान किया गया अखिलेश यादव जी की हर रैली में शिक्षा मित्र गया अब पूरी तरह से शिक्षा मित्र सरकार के विरोध में खड़ा था क्योंकि हमारे नेताओ ने सारे रास्ते बन्द कर दिय थे अब गाजी जी ये सब देखकर समझ चुके थे अब हमारी नहीं चलेगी इस सरकार में सब कुछ लुटने के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर हमेशा के लिए विलुप्त हो गए
शाही जी समय को देखते हुए सरकार के आगे आत्मसमर्पण कर दिया और आज तक कर रहें हैं और करते रहेंगे क्योंकि वह जान चुके हैं जो मिलना है वह सरकार से ही मिलना है ये सारा घटना क्रम होने के बाद अब रिज़वान टीम का नम्बर आता है इन्होंने सबसे पहले टेट 17 की लड़ाई लड़ी जिसका संचालन वैरागी जी के निर्देश पर हुआ सिंगल बैच से कामयाबी मिली बहुत से साथी पास हुए सभी साथी खुश हुए के टीम ने अच्छा काम किया लेकिन उसके बाद न डबल बैंच से न ही सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिली लोग तीन तीन बार याची बने लेकिन नतीजा कुछ हासिल न हुआ इतने 69000 भर्ती आ गई और सरकार ने बाद ने में पासिंग मार्क्स परीक्षा के एक दिन बाद 60/65 लगा दिया जिसे लेकर टीम रिज़वान वैरागी उर्फ मिस्टर इंडिया जो बीएड हैं और 29000 में आलरेडी पहले से ही टीचर हैं
मिस्टर इंडिया इस लिए कहा क्योंकि आज तक वैरागी जी को किसी ने नहीं देखा और आखें मीच कर इन पर विश्वास किया टीम पर लोगो को बेपनाह विश्वाश था रिज़वान टीम ने सिंगल बैंच में सबसे पहले अपने नाम से रिट डाली और सिंगल बैंच में मेहनत की जी जान से लड़े सभी का भरोसा जीता और सिंगल बैच से जीत दर्ज कराई सभी शिक्षा मित्र बहुत खुश हुए बीएड वाले सरकार के पास गए के सरकार सिंगल बैंच के ऑडर के खिलाफ डबल बैंच जाए सरकार ने बिल्कुल मना कर दिया हम सिंगल बैंच के ऑडर के खिलाफ डबल बैंच नहीं जाएंगे फिर ऐसा क्या हुआ अचानक सरकार सिंगल बैंच के ऑडर के खिलाफ बिल्कुल आखरी दिन गई
टीम ने 68500 की सीबीआई जांच का ऑडर सुप्रीम कोर्ट से करवा दिया जबकि इसकी जांच की मांग किसी ने कभी नहीं की न ही इस नाम पर पैसा दिया फिर ऐसा क्यों किया टीवी पर चिल्ला चिल्ला कर यह कहना के सरकार सिंगल बैंच के जजमेंट का पाई कोमा चेंज नहीं करा सकती और साथ ही एमएलसी चुनाव की घोषणा कर दी क्योंकि सरकार के सामने जब सरकारी वकील ने बात रखी के सीबीआई जांच के आदेश हुए हैं इसमें क्या करना है तब सरकार ने पूछा किसने करवाए ये आदेश सरकारी वकील ने कहा शिक्षा मित्र रिज़वान अंसारी ने जिसने सिंगल बैंच से 69000 का केस जीता है बाकी सारी कहानी बीएड वालो ने सरकारी वकील को अच्छे से बता दी थी तब बाबा जी ने गुस्से में तत्काल डबल बैंच जाने के लिए आदेश किया और टीम इसी चीज का इंतजार कर रही थी
तभी तो बार- बार ऑडियो में कहना बीएड का लोकस नहीं बनता सरकार आए एक दो बहस बीएड की रिट पर भी हुई लेकिन इनके वकील ने समय लिया लेकिन एक बार भी रिट खारिज करने की मांग नहीं की क्यों नहीं की मांग हर बार ऑडियो में सरकार आए हम दो दो हाथ करने को तैयार हैं आखिर सरकार को क्यों बुलाना चाहते थे
इसका क्या रीजन था शिक्षा मित्रों ने टीम का भरपूर सहयोग किया आज तक हिसाब तक नहीं मांगा सरकार को मजबूरन डबल बेंच जाना ही पड़ा लास्ट दिन क्योंकि इतनी बेंजती कोई नहीं झेल सकता इरशाद सर केस को निपटाना चाहते थे लेकिन टीम के वकीलों ने समय मांग मांग कर केस आगे खींच दिया गया डबल बैंच में हम केस हार जायेंगे 100% चाहें स्टाम्प पर लिखवा लो टीम ने ऐसा क्यों कहा और आखिर जो टीम ने पहले ही कहा था वही हुआ डबल बैंच से सरकार ने पाई कॉमा छोड़कर सारा जजमेंट अपने फेवर 60/65 पर करा लिया और फिर 60/65 पर result घोषित हो गया जिसमें रिजवान पास हो गए और ऑडियो की भाषा चैंज हो गई
अब मुख्यमंत्री जी को माननीय मुख्यमंत्री जी कहकर संबोधित किया गया हमें भी अच्छा लगा पास होने की खुशी भी हुई पर बात ये आती है एक तरफ टीवी डिबेट में बैठकर सरकार के पिर्ती आग उगलना और पास होते ही नरम हो जाना कुछ समझ नहीं आया टीम ने ये क्यों कहा अगर इन्हें पता था के हम डबल बैंच से हार जायेंगे तो फिर टीवी पर बैठकर क्यों कहा सरकार सिंगल बैंच के ऑडर में पाई कॉमा तक चेंज नहीं करा सकती इसके पीछे क्या मकसद था सारा काम इनके प्लान के हिसाब से हुआ इन्होने अपने आगे किसी की नहीं सुनी याची बनाने के चक्कर में सुप्रीम कोर्ट तक केस खींचा गया अगर सरकार को नाराज़ न किया गया होता तो सिंगल बेंच के ऑडर पर भर्ती होती मगर सब गुड गोबर कर दिया गया और अब शाही को दोष दे रहे हो पहले अपने आप को देखो तुमने क्या किया फिर किसी पर उंगली उठाओ
एक दुखी शिक्षामित्र
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