अब टीईटी और सी-टीईटी के लिए अभ्यर्थियों को मिलेंगे केवल तीन मौके। तीन बार ही परीक्षा में बैठ सकेंगे अभ्यर्थी।
उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनना अब आसान होता नही दिख रहा, नई शिक्षा नीति के अनुसार बी.एड या डी.एल.एड प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके प्रशिक्षुओं को अब शिक्षक के पद के लिए स्वयं को योग्य साबित करने के सिर्फ तीन ही मौके मिलेंगे।
तीन बार ही रजिस्ट्रेशन कर परीक्षा में बैठ पाया करेंगे।। परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज अनिल भूषण चतुर्वेदी ने अमर उजाला से बातचीत में बताया जो प्रशिक्षु टीईटी या सी-टीईटी की परीक्षा में तीन बार भाग ले चुके होंगे वो चौथी बार टीईटी या सी-टीईटी की अर्हता परीक्षा में भाग नही ले पाएंगे। जिसमें टीईटी - तीन बार और सी-टीईटी - दो बार शामिल है। जनरल व ओबीसी छात्रों को दो बार और एससी व एसटी छात्रों को तीन बार मौके दिये जाएंगे।