उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को 500 महिला शिक्षा मित्रों के सामूहिक मुंडन कराकर विरोध जताने का असर संसद के उच्च सदन में दिखाई दिया है। शून्य काल के दौरान आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने यह मुद्दा उठाया और वर्तमान राज्य सरकारों की सरकार से सवाल जवाब किए। राज्यसभा के शुन्य काल में शिक्षा मित्रों की दुर्दशा, गरीब और अवसाद में चले जाने का मामला उठाया गया। सांसद संजय सिंह ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा संघ से जुड़े करीब 700 शिक्षामित्र कोर्ट में समायोजन का मुकदमा आने के कारण बुरे हालात और अवसाद से गुजर चुके हैं और आत्महत्या या किसी अन्य अवसाद में आकर अपने प्राण भी त्याग चुके हैं । सांसद संजय सिंह जी ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करके शिक्षामित्रों को राहत देने की बात कही और कहा कि कानून बनाकर उनकी मदद की जाए।
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उन्होंने बताया है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों राज्य में शिक्षामित्र एक ही शासनादेश के अधीन नियुक्ति हुए हैं लेकिन उत्तराखंड में शिक्षा मित्रों को अध्यापक बना दिया गया है जबकि यूपी में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक नहीं बनाया गया है। जब उत्तराखंड में यह प्रावधान हो सकता है तो यूपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। सरकार जनहित में शिक्षा मित्रों की मदद करनी चाहिए क्योकि महिला शिक्षामित्र सड़कों पर उतर कर अपना मुंडन करा रही है।
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