Monday, 30 December 2019
Saturday, 28 December 2019
बिग बाजार : 50 रु0 में बने 1.24 शिक्षामित्र केस में याची। बड़ी खबर।
पैराटीचर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तरप्रदेश, ब्रजपान्त
मित्रो नमस्कार आगामी 10 जनवरी को 124000 प्रफुल्ल कुमार (भोला शुक्ला) वाली रिट में फाइनल सुनबाई होने जा रही है। कुछ लोग याची के नाम पर धंधा कर रहे हैं ना उनकी कोई याचिका है वो लोग भोला शुक्ला जी की याचिका में ही आई ए डालकर याची याची का खेलखेल कर शिक्षामित्रों से 2000 से 4000 रुपये लेकर उनका शोषण कर रहे हैं। ऐसे लोगों से बचाने के लिए प्रफुल्ल कुमार जी( भोला शुक्ला जी) द्वारा पैराटीचर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तरप्रदेश संघठन के नाम से माननीय सुप्रीम कोर्ट में आई ए डाली है जिससे उत्तरप्रदेश के 124000 की श्रेणी में आने वाले बहन भाइयों को इस याचिका में लाभ मिल सके लाभ तभी मिलेगा जब आप संघठन के सदस्य बनेंगे ।
सदस्य बनने के लिए आपको पैराटीचर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तरप्रदेश के अपने जनपद के जिलाध्यक्ष/ ब्लॉकध्यक्ष से सिर्फ 50 रुपये शुल्क देकर अपनी रसीद प्राप्त करनी है। सभी 124000 की श्रेणी में आने वाले भाई बहन जल्द से जल्द 50 रुपये देकर संघठन के सदस्य अवश्य बन जायें।
मित्रों 124000 शिक्षामित्रों को पैराटीचर माना गया था पैराटीचर को अपग्रेड करते हुए टीचर्स के समकक्ष वेतन जारी किया गया। जब आप पैराटीचर वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य बन जायेंगे। तो आपका दावा कोर्ट केस में 100% हो जाएगा।
इसलिए जो लोग याची के नाम पर धंधा कर रहे हैं उनसे आप सावधान रहें। और उन लोगों से भी सावधान रहें जो 124000 की श्रेणी में नहीं आते हैं वो आपको गुमराह करने का काम करेंगे । लेकिन आप सब शिक्षक हैं 124000 के साथ पहले ही सभी नेताओं ने धोखा किया है। अब सही रास्ते पर चलना आप का काम हैं। आप सब जल्द से जल्द संघठन के सदस्य बनें । समय कम है। 5 जनवरी को सभी जिलाध्यक्षों को 124000 की श्रेणी वाले सभी सदस्यों की सूची में उनके नाम उनके विद्यालय ब्लॉक का नाम एवं स्नातक वर्ष का व्योरा देना होगा। जो लोग सदस्य बन जायेंगे उनको याची बनने की कोई जरूरत नहीं है।
प्रफुल्ल कुमार ( भोलाशुक्ला)
प्रदेश अध्यक्ष
रिज़वान अंसारी द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती के में एक और खुलासा। नया मोड़, नई राह।
झारखंड लोक सेवा आयोग जजमेंट और 69000 शिक्षक भर्ती पासिंग मॉर्क केस में समतुल्यता ?
✍🏼टीम रिज़वान अंसारी
18 दिसम्बर 2019 को मा0 सुप्रीम कोर्ट की मा0जस्टिस एल0नागेश्वर राव और मा0 जस्टिस दीपक गुप्ता की खण्डपीठ ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की अपील पर फैसला देते हुए JPSC की अपील को बहाल कर दिया। पूरा का पूरा फैसला एकदम सीसे की तरह साफ है। इस फैसले में न तो किसी का तर्क चलेगा और न ही कुतर्क। पूरा जजमेंट मा0जस्टिस दीपक गुप्ता ने लिखा है। JPSC द्वारा प्रवक्ता पद के लिए SLET (State Level Eligibility Test) परीक्षा तीन चरणों मे निर्धारित की गई थी। जो भी अभ्यर्थी प्रथम और द्वितीय चरण को उत्तीर्ण करेगा वो तीसरे चरण की परीक्षा में प्रतिभाग करेगा। प्रथम और द्वितीय चरण की परीक्षा के कटऑफ पूर्व में तय थे लेकिन तीसरे चरण की परीक्षा में कटऑफ परीक्षा होने के बाद निर्धारित किये गए। *बस विवाद ने यहीं से जन्म लिया।
हाइकोर्ट ने अपने फैसले में माना था कि तृतीय चरण की परीक्षा के लिए विज्ञापन में कटऑफ निर्धारित नही किया गया था। परीक्षा के बाद कटऑफ निर्धारित करने के विषय को हाइकोर्ट ने *"खेल के नियम खेल शुरू होने के बाद नही बदलते"* के प्रतिपादित सिद्धांत से को-रिलेट करते हुए JPSC के इस काम को मूल नियम के विरुद्ध मानते हुए अभ्यर्थियों के पक्ष मे फैसला दे दिया।
अब इस फैसले को JPSC ने म0सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। मा0 सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर एकदम सपाट 07 पन्नों का जजमेंट दिया।
झारखण्ड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने सबमिशन दिया कि तृतीय चरण की SLET की परीक्षा के कटऑफ निर्धारण के लिए UGC (University Grant Commission) द्वारा SLET की तृतीय चरण की परीक्षा के बाद कटऑफ निर्धारित करने के लिए एक परनियमन समिति
(moderation committee) का निर्माण किया गया है। ये माडरेशन कमेटी रिजल्ट जारी करते समय कटऑफ तय करने में मदद करेगी जो कि 07 सदस्यीय होगी। मा0 सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि माडरेशन कमेटी का कटऑफ निर्धारित करने का नियम पूर्व में UGC द्वारा निर्धारित था लिहाजा हाइकोर्ट का ये कहना कि *परीक्षा के बाद पासिंग मॉर्क लगाना खेल के नियम बदलने जैसा है* तो ये नियम विरुद्ध है। क्योंकि यहाँ पर खेल के बाद नियम बदले ही नही गए अपितु ये तो प्रवक्ता पद के योग्य अभ्यर्थियों की मेरिट के लिए चयन का एक अतिरिक्त पहलू था जिसे माडरेशन कमेटी ने अपनाया जो पूर्व निहित है। लिहाजा मा0सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट का 09 नवम्बर 2016 का फैसला रद्द करते हुए JPSC के पक्ष में फैसला सुनाया।
Conclusion-
69000 शिक्षक भर्ती पासिंग मॉर्क केस इस केस से बिल्कुल भिन्न है। क्योंकि SLET की इस परीक्षा का पैमाना UGC द्वारा निर्धारित किया था।जिसमे UGC के बनाये गए नियम चले। जबकि इस ATRE की निर्धारणकर्ता एजेंसी सिर्फ स्टेट है। पासिंग मॉर्क निर्धारण में ऐसा कोई नियम ही नही है जो NCTE ने पूर्व में निर्धारित किया हो। इसलिए 69000 ATRE और SLET परीक्षा के पासिंग अंक निर्धारण में समानता करना एकदम बेवकूफी है। 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती की नियमावली एक ही हैं। इस नियमावली में कहीं पर भी JPSC की भांति पासिंग अंक तय करने के लिए किसी भी माडरेशन कमेटी टाइप की कोई समिति गठित नही की गई है जो 69000 ATRE परीक्षा हो जाने के बाद पासिंग अंक तय करे।
ये दोनों केस आपस में एक दूसरे से कतई को-रिलेट नही है। जिसे ज्यादा सर्दी सता रही है वही इन दोनों केसों में आभासी सम्बन्ध स्थापित करवा रहा है।
आप सभी निश्चिन्त रहें,बेफिक्र रहें क्योंकि टीम रिज़वान अंसारी देर से बोलेगी लेकिन दुरस्त बोलेगी।क्योंकि शतरंज की बाज़ी धैर्यवान ही जीतता है।
Thursday, 26 December 2019
आपसी खींचतान में शिक्षामित्र खो देंगे अपना सबकुछ - एस0एम0 फाउंडेशन। खास संदेश।
साथियों मै धर्मेंद्र कुमार पांडेय
आज आपसे दो बिंदुओं पर बात करना चाहता हूं।
१- वर्तमान १२४००० की रिट जोकि सुप्रीम कोर्ट में संघर्ष के दौर से गुजर रही है
साथियों मेरे द्वारा पूर्व में ही 124000 का संघर्ष करने वाले लोगों को समझाया गया था परंतु पता नहीं क्यों इन सभी की अतिमहत्वाकांक्षा कहें या हठधर्मिता
इनके द्वारा किए जा रहे संघर्ष और संघर्ष की दिशा दोनों ही संदेह के घेरे में है । ऐसा प्रतीत होता है इनकी पूरी टीम एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए संघर्ष कर रही है।
वर्तमान परिस्थितियों पर मैं स्वयं धर्मेंद्र कुमार पांडेय और फाउंडेशन की कोर कमेटी लगातार मनन चिंतन करती रही है।
इस प्रकरण को दिल्ली में हमारे वकील बड़ी ही बारीकी से अध्ययन कर रहे थे कल जब उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि
आपसी खींचतान के चलते हमलोग पाने के स्थान पर कहीं कुछ खो न दें ।
साथियों ऐसी स्थिति में हम और हमारे एस0एम0 फाउंडेशन की कोर कमेटी आगामी 24 घंटों में का मंतव्य(विचार) जानना चाहती है
क्या एस0एम0 फाउंडेशन को आगे आकर इस प्रकरण में हस्तक्षेप करना चाहिए ........?
आपसे विनम्र निवेदन है 24 घंटे के अंदर 9450051391 मोबाइल नंबर पर अपना संदेश0उपलब्ध कराने की कृपा करें
ताकि समय रहते 124000 की लड़ाई को सही दिशा दी जा सके ।
2 - साथियों आप अपने परिवार के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है
जरा सोचें आज जब 10000 रुपए में घर का खर्च चलाना अति दुरूह है। फिर
आप के बिना परिवार की संकल्पना ही शून्य है।
अतः धैर्य रखें और सुरक्षित चले।
आज नहीं तो कल हमारी भी जिंदगी का सूर्योदय पुनः होगा।
आज आपसे दो बिंदुओं पर बात करना चाहता हूं।
१- वर्तमान १२४००० की रिट जोकि सुप्रीम कोर्ट में संघर्ष के दौर से गुजर रही है
साथियों मेरे द्वारा पूर्व में ही 124000 का संघर्ष करने वाले लोगों को समझाया गया था परंतु पता नहीं क्यों इन सभी की अतिमहत्वाकांक्षा कहें या हठधर्मिता
इनके द्वारा किए जा रहे संघर्ष और संघर्ष की दिशा दोनों ही संदेह के घेरे में है । ऐसा प्रतीत होता है इनकी पूरी टीम एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए संघर्ष कर रही है।
वर्तमान परिस्थितियों पर मैं स्वयं धर्मेंद्र कुमार पांडेय और फाउंडेशन की कोर कमेटी लगातार मनन चिंतन करती रही है।
इस प्रकरण को दिल्ली में हमारे वकील बड़ी ही बारीकी से अध्ययन कर रहे थे कल जब उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि
आपसी खींचतान के चलते हमलोग पाने के स्थान पर कहीं कुछ खो न दें ।
साथियों ऐसी स्थिति में हम और हमारे एस0एम0 फाउंडेशन की कोर कमेटी आगामी 24 घंटों में का मंतव्य(विचार) जानना चाहती है
क्या एस0एम0 फाउंडेशन को आगे आकर इस प्रकरण में हस्तक्षेप करना चाहिए ........?
आपसे विनम्र निवेदन है 24 घंटे के अंदर 9450051391 मोबाइल नंबर पर अपना संदेश0उपलब्ध कराने की कृपा करें
ताकि समय रहते 124000 की लड़ाई को सही दिशा दी जा सके ।
2 - साथियों आप अपने परिवार के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है
जरा सोचें आज जब 10000 रुपए में घर का खर्च चलाना अति दुरूह है। फिर
आप के बिना परिवार की संकल्पना ही शून्य है।
अतः धैर्य रखें और सुरक्षित चले।
आज नहीं तो कल हमारी भी जिंदगी का सूर्योदय पुनः होगा।
Wednesday, 25 December 2019
विधान सभा मे शिक्षामित्र के 38878 रु0 मानदेय मुद्दा पर शिव पूजन सिंह की ये रही गलती।
विधान सभा में बीएसपी के विधायक मो०असलम रायनी ने शिक्षामित्रों के मुद्दे पर मेरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल रिट के आदेश का हवाला दिया।
माननीय विधायक जी का आभार !दूसरे दिन विधायक जी से हमने बात किया।उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं दी गयी थी।आधी अधूरी जानकारी लेकर अपना पक्ष रखा। मुद्दा तो बना दिया पर जरूरत सही ढंग से शिक्षामित्रों का पक्ष रखना है। भविष्य में सम्भवतः अच्छा करें।जिस दिन से माननीय सदन में मुद्दा उठा तभीसे बहुत से अति महत्वाकांक्षी लोग शिक्षामित्रों को गुमराह करने में लग गये।
ऐसे लोगों से शिक्षामित्रों को पूर्ण रूपेण बचना है।माननीय उच्चतम न्यायालय में रिट की पैरवी, याची बनने ,नयी रिट दाखिल करने आदि उपक्रमों से बचें। किसी को किसी भी तरह का आर्थिक सहयोग न करें न ही किसी से करायें।किसी भी माननीय कोर्ट!शासन - प्रशासन या अन्य कोई भी आदेश!होगा तो समस्त शिक्षामित्रों पर लागू होगा।विनम्र निवेदन है आप सब गुमराह होने से बचें।
अनावश्यक रूप से किसी का विरोध न करें। उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षामित्र प्रकरण पर काफी गम्भीरता से निर्णय ले रही।इसमें किसी भी शिक्षामित्र नेता की कोई भूमिका नहीं है।सत्यता से अवगत रहें,मायावी लोगों से अति सावधान रहें।अपने शहीद शिक्षामित्र भाई बहनों को एवम उनके परिजनों को सदैव याद रखें।आप सब शिक्षक हैं आपकी आपके परिवार बच्चों के साथ समाज के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी है उसको समझें।
26 से 28 तक जिलाधिकारी महोदय द्वारा शीतकालीन अवकाश घोषित : अलीगढ़
Gopal Singh
08:23
Basic Shiksha News, District Order
No comments
दिनांक 24 दिसंबर 2019 रात्रि 9:00 बजे राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जनपद अलीगढ़ के पदाधिकारी श्रीमान जिलाधिकारी अलीगढ़ से मिले। डॉ राजेश सिंह चौहान- जिलाध्यक्ष एवं सुशील कुमार शर्मा- जिला महामंत्री द्वार ठंड के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए जिलाधिकारी महोदय को पत्र सौंपकर अवगत कराया। साथ ही मांग की शिक्षक/ शिक्षिकाओं एवं छात्र/ छात्राओं की परेशानी को देखते हुए 5 जनवरी 2020 तक विद्यालय बंद रखे जाएं। जिलाधिकारी महोदय ने इस पर अपनी सहमति देते हुए आश्वस्त किया।और कहा कि इस संबंध में मैं बीएसए अलीगढ़ से वार्ता करूंगा ।
उसी समय बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय से भी मुलाकात कर सारी समस्याएं एवं जिलाधिकारी महोदय से हुई वार्ता से अवगत कराया और उनको विद्यालय बंद करने के संबंध में संगठन की ओर से एक पत्र सौंपा गया जिस पर उन्होंने सहर्ष सहमति बनाते हुए स्वीकार कर लिया।
26 से 28 तक जिलाधिकारी महोदय द्वारा शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है।
जिला अलीगढ़ में जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जिले के समस्त विद्यालय की कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं का अवकाश रहेगा। शीत लहर के कारण दिनांक 26- 12 -2020 से 28-12- 2020 तक अवकाश रहेगा।
Tuesday, 17 December 2019
जनवरी 2020 में लखनऊ के धरती पर होगा एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन
आज 15 दिसंबर 2019 को उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश संरक्षक गाजी इमाम आला व प्रांतीय अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला व समस्त जिलों के जिला अध्यक्ष व पदाधिकारी गण दारुल सफा लखनऊ में आज की मीटिंग में अनिवार्य रूप से एकत्र हुए मीटिंग में निर्णय लिया गया प्रदेश के पीड़ित शिक्षामित्रों की दिशा को देखते हुए जब से समायोजन रद्द हुआ तब से आज तक उत्तर प्रदेश सरकार का कोई भी संवेदनशील ब्यान नहीं आया अभी तक मौन साधे हुई है संगठन ने निर्णय लिया अगर यही रवैया रहा तो जनवरी 2020 में लखनऊ धरती पर करो या मरो का एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन होगा जिसकी तारीख जनवरी के प्रथम सप्ताह में घोषित कर दी जाएगी।
हमारे शहीद साथियों की संख्या लगभग 1800 हो चुकी है इसके बाद भी लगातार मौतों का सिलसिला जारी है प्रतिदिन 1-2 साथी रोज हम सबके बीच से दुनिया छोड़ कर चले जाते हैं।
Sunday, 8 December 2019
9 दिसंबर : 69000 शिक्षक भर्ती की आज कोर्ट में नहीं होगी सुनवाई। जानिए कारण।
उत्तर प्रदेश में चल रही 69000 शिक्षक भर्ती की केस के मामले में आज कोर्ट में फिर से सुनवाई नहीं हो सकेगी। सुनने में आया है कि आज 9 दिसंबर 2019 को माननीय न्यायाधीश इरशाद अली, राकेश श्रीवास्तव और अब्दुल मोइन कोर्ट में उपस्थित नहीं होंगे।
आपको ज्ञात ही होगा कि कोर्ट में 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर लगातार सुनवाई चल रही है। पिछली तारीख पर भी जज महोदय के किसी अन्य बेंच में व्यस्त रहने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी और उसके बाद 9 दिसंबर को अगली डेट दे दी गई थी। लेकिन आज 9 दिसंबर को भी जज महोदय के कोर्ट में अनुपस्थित रहने पर इस केस की सुनवाई नहीं हो सकेगी। अब इस केस की अगली डेट क्या होगी? यह शाम तक ही स्पष्ट हो पाएगा।
लगातार इस केस की सुनवाई के बावजूद भी इतनी डेट पड़ने पर और समय बढ़ने पर शिक्षामित्र निराश हो रहा है और अपनी हिम्मत को खो रहा है। सोशल मीडिया पर लगाता प्रतिदिन शिक्षामित्रों के आकस्मिक निधन की खबरें आ रही हैं।
इस भर्ती से उम्मीद लगाए हुए हजारों शिक्षामित्रों की उम्मीद धीरे-धीरे टूट रही हैं जिसके कारण शिक्षामित्र हृदयाघात और आत्महत्या जैसे कारणों से उनकी जीवन लीला समाप्त हो रही है।
अब इस केस की अगली डेट क्या होगी जल्द ही आपको इससे अवगत करा दिया जाएगा।
Friday, 6 December 2019
१.२४ शिक्षामित्र केस पर एक अति आवश्यक सूचना गोरखपुर के राजीव कुमार द्वारा
व्यस्तता के कारण हम सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता श्री गौरव यादव जी से गहन विचार विमर्श की विस्तृत जानकारी आप लोगों से साझा नहीं कर पाए थे, जो अब साझा कर रहा हूँ।
गहन चर्चा में बहुत ही प्रमुख जानकारियाँ सामने आयीं जो निम्नवत है।
१. मा. सुप्रीम कोर्ट के समायोजन गलत करार दिए जाने वाले फैसले में मा. उच्चतम न्यायालय ने यह साफ कहा है कि शिक्षामित्रों को समायोजन के पूर्व की स्थिति में बहाल किया जाय, किन्तु उत्तर प्रदेश सरकार ने मा.सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए शिक्षामित्रों को साधारण शिक्षामित्र पद पर पूर्ववत कर दिया, जबकि समायोजन पूर्व शिक्षामित्र स्नातक+बीटीसी ट्रेन्ड हो चुके थे। परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार ने स्नातक+बीटीसी ट्रेन्ड का ना तो शिक्षामित्रों को कोई लाभ दिया और ना ही मा.सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अक्षरशः पालन किया।
२. एक लाख चौबीस हजार का केस पूर्णतः प्रेप्रियाॅरिटी एवं अपग्रेडेशन आधारित मामला है, जिसके अन्तर्गत वे सभी शिक्षामित्र आते हैं जो स्नातक+बीटीसी ट्रेंड हो चुके हैं। उनका स्नातक चाहे किसी भी वर्ष का हो, उन सभी को इसमें लाभ मिल सकता है, जो इस केस में याची बने हैं, बन रहे हैं या बनेंगे।
३. प्रेप्रियाॅरिटी का अर्थ यह हुआ कि यदि पूरे देश में कहीं स्नातक+बीटीसी ट्रेंड को वेतनमान दिया गया है तो उसी के आधार पर हम शिक्षामित्रों को भी उसी आधार पर वेतनमान दिया जाय।
४. यह केस अपग्रेडेशन आधारित है जिसका तात्पर्य यह हुआ कि शिक्षामित्र की नियुक्ति भले ही इण्टर बेस पर हुई हो किन्तु लम्बे अनुभव के साथ साथ शिक्षामित्रों की योग्यता भी स्नातक+बीटीसी ट्रेंड की हो चुकी है, इसलिए शिक्षामित्रों को अब उनके लम्बे अनुभव व स्नातक+बीटीसी ट्रेंड के आधार पर वेतन वृद्धि की जाय।
५. चूँकि इस केस में कोई भी लीगल संगठन इनवाॅल्व नहीं है, इसलिए इस केस का आर्डर याची आधारित ही होगा। अर्थात इससे सिर्फ याचियों को ही लाभ मिल सकेगा। जनरल आर्डर इस केस में नहीं आएगा।
कुछ लोग रिट डालने के बाद संगठन बनाकर संगठन के नाम से आई ए डालने की बात कहकर शिक्षामित्रों को गुमराह कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि रिट के बाद बनने वाला संगठन इस रिट के लिए लीगल ही नहीं होगा।
Wednesday, 4 December 2019
69000 Shikshak Bharti Court Updates 4 December 2019
👉आज कोर्ट नम्बर-1 लखनऊ खण्डपीठ में 69000 शिक्षक भर्ती में पासिंग मॉर्क मामले की सुनवाई अपराह्न 3:15 बजे स्टार्ट होगी।
👉 जैसे ही कोर्ट उठेगी आप सभी को सूचित कर दिया जाएगा।
👉बेंच उठ गई
👉बेंच बैठ गयी
👉बेंच बैठ चुकी है मिश्रा जी की बहस स्टार्ट
👉शुरुआत करते ही इरशाद सर ने कहा आप अपना सबमिशन 25 वें संशोधन पर खत्म करें
👉उपेंद्र मिश्रा डायस पर बोलते हुए ।, उपेन्द्र मिश्रा शुरु बुलंद की अपनी आवाज
👉मिश्रा जी बिना रुके बोलते हुए, 6 महीने ब्रिज कोर्स करना ज़रूरी
👉इरशाद सर मिश्रा जी की स्पीड पर मुस्कुराते हुए।
👉अभिनव सर कोर्ट रूम में आ गए हैं।
👉जोरदार बहस चलती हुई.....
👉समीर कालिया कोर्ट रूम में आ गए हैं।
👉जजमेंट पर चर्चा कर रहे हैं उपेंद्र मिश्रा
👉अभिनव सर(महाधिवक्ता के काउंसिल)कोई आर्डर लेकर आये हैं।
👉फार योर सब्बमिशन मि0मिश्र बी एड कन्डीडेट इज नाट इलेजबल फार टीचर विधाउट 8टू बी (इरशाद)
👉 इरशाद साहब मि मिश्रा आपका सबमिशन है कि बीएड एजलिबल नही 8टू तथा 8 बी हेतु
👉माथुर सर की बहस का जबाब देते हुए मंजू श्री
👉पेज 58 पैरा 1 पर चर्चा
👉रेखा चतुर्वेदी पर बहस कर रहे है उपेन्द्र साहब
👉आज उपेन्द्र मिश्रा फूल फॉर्म में बैटिंग कर रहे हैं,
👉आप काम पहले करते हो और उसका नियम बाद में बनाते हो।
👉विज्ञापन में बीएड से आवेदन पहले मांग लिया और बाद में शामिल करने के लिए नियम बनाया ठीक उसी प्रकार परीक्षा पहले करवाया और पासिंग मार्क बाद में बताया। कर क्या रही है सरकार
👉मिश्रा तगड़ी बहस करते हुए और आवाज़ भी बुलन्द
👉1972 द्वारा पॉवर ऑफ रूल मेकिंग पैरेंट एक्ट के मुताबिक होना चाहिए।
👉 रेट्रोस्पेक्टिव एमेंडमेंट स्टार्ट
👉जस्टिस इरशाद जी -मिस्टर मिश्रा आप सिम्पली ये कहना चाहते हैं...बीएड परमिसबल नही है...
👉दोनों जज मिश्रा की बातों को बहुत ध्यान से सुनते हुए
👉इरशाद सर पूछते हुए
👉मिश्रा आज भी पूरा नहीं करना चाहते हैं।बीएड बीटीसी क्वालिफिकेशन की बात समझाते हुए
👉जज साहब ने बीएड केस वाली याचिका को उठाया। प्राथना वाला पेज पढ़कर फिर याचिका रख दी।
👉भूतलक्षी संशोधन सरकार ने न्यायपालिका के जजमेंट को कमजोर करने के लिये किया।
👉28 जून 2018 पर सबमिशन स्टार्ट
👉 ट्रेनी टीचर पर फ़िर से शुरू, एनसीटीई के नोटिफिकेशन को बताते हुए
👉अपेंडिक्स 153, जून 2018 समझाते हुए......
👉40-45 पर बहुत से शिक्षा मित्र चयनित हो चुके हैं तो बिना बताए 60-65 क्यों लगाया।
👉वेटेज की वैधता पर बहस करते हुए,
👉14वन सी फस्ट यू ट्रेनी टीच आफ्टर 6मंथ ओवर वि्रज देन यू बीकम असिस्टेंट टीचर
👉14वन ए की मूरिट लिस्ट और 14वन सी इज डिफर
👉28 जून कह रहा कि नियुक्ति के बाद 6 माह की ट्रेनिग और सरकार का रूल कह रहा कि पहले ट्रेनिग फिर नियुक्ति दो अलग अलग क्राइटेरिया कैसे माई लार्ड
👉पैरा160, पेज 159
👉कोर्ट उठ गई, कल की डेट काटिन्यू उपेन्द्र सर
👉अब अगली सुनवाई तिथि 05 दिसम्बर. 03:15बजे से