आज सोशल मीडिया पर माननीय सदस्य विधान परिषद श्री हेम सिंह पुंडीर का पत्र वायरल हो रहा है, उक्त पत्र के बारे में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि हेम सिंह पुंडीर विगत 36 वर्षों से लगातार स्नातक एमएलसी हैं, पिछले 19 साल से शिक्षामित्र कार्य कर रहे हैं उनको कभी शिक्षामित्रों की सुध नही आई, फिर अब क्यो?
शिक्षामित्र इस बार प्रदेश की पांचों सीटों पर स्नातक एमएलसी चुनाव लड़ रहे हैं, मेरठ सीट पर सतीश बालियान मैदान में ये वही सतीश बालियान हैं जिन्होंने तिरंगा यात्रा की थी, सतीश बालियान चुनाव भी जीत रहे हैं जिससे हेम सिंह पुंडीर जी को अपनी 36 वर्षों की सत्ता खिसकती नजर आ रही है और यही कारण है कि उन्होंने विधान परिषद में पूछा कि कि शिक्षामित्रों का मानदेय क्यो नही बढ़ा कर 30,000 कर दिया जाए, जिस पर सरकार का जवाब आया कि सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ा कर 10000 कर दिया है।
उक्त पत्र को हेम सिंह पुंडीर ने इस उद्देश्य से वायरल करवाया है कि जिससे शिक्षामित्रों में सकारात्मक संदेश जा सकता जा सके और एमएलसी चुनाव में शिक्षामित्र उनको वोट कर सके लेकिन शिक्षामित्र इतना मूर्ख नही है कि अपने भाई को छोड़ कर इनको वोट करेगा।
यह तो एक बानगी मात्र है, अभी आगे बहुत कुछ होना है जिस सीट पर भी एमएलसी चुनाव हो रहे हैं वहाँ के साथी आपसी द्वेष भुला कर केवल और केवल शिक्षामित्र भाई का साथ दें, 2 महीने बाद 5 शिक्षामित्र एमएलसी बनकर सदन में जा रहे हैं तब सदन में रोज केवल शिक्षामित्र का ही मुद्दा उठेगा और सरकार मजबूर हो जाएगी आपको स्थायी समाधान करने के लिए।
आज केवल एक ही विकल्प है हमारे पास और वह है स्नातक एमएलसी बनाना।
आओ सब मिलकर प्रयास करें।
--- क्रांति
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