ज्ञापन
सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री जी
उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ
सम्मानित माध्यम:-श्रीमान जिलाधिकारी महोदय
विषय:- प्रदेश के शिक्षामित्रों को लेकर गठित कमेटी का प्रकाशन एवं उनकी सेवा सुरक्षित किए जाने के संबंध में
महोदय,
प्रदेश के लाखों शिक्षामित्रों की ओर से आप महोदय एवं प्रदेश की आपकी लोकप्रिय सरकार को पावन शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई एवं अभिनंदन महोदय,
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति तत्कालीन सरकार की मजबूरी थी या उसकी नियत यह तो हम नहीं जानते लेकिन तत समय जारी नियम निर्देश शासनादेश में यह लिखा गया था कि प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए किया गया था और शिक्षामित्रों के अल्प मानदेय असुरक्षित सेवा सरतो उसी की कमी को बखूबी पूरा भी किया और प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के नामांकन एवं ठहराव में अभूतपूर्व परिवर्तन भी अपनाएं जिसका परिणाम रहा की शिक्षा मित्रों को वह सारे प्रशिक्षण जो समयानुसार शिक्षा सुधार के लिए आवश्यक एवं क्रांतिकारी थे वर्तमान के लिए संस्थाओं एवं सरकार द्वारा निर्धारित किए गए शिक्षकों के साथ शिक्षक मानकर ही शिक्षामित्रों को भी दिए गए इसी के साथ साथ शिक्षामित्र जहां
विद्यालयों में शिक्षा सुधार में तत्परता के साथ संलग्न था कहीं अपनी सेवा में सुधार एवं सुरक्षा के लिए भी संघर्षरत था जिसमें आप महोदय का भी समय-समय पर आशीर्वाद एवं समर्थन प्राप्त होता रहा था महोदय शिक्षामित्रों के परिश्रम एवं संघर्ष का परिणाम यह रहा कि तत्कालीन सरकार ने स्नातक शिक्षामित्रों को 2 वर्षीय दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण कराने के पश्चात शिक्षक बनाने का निर्णय लिया और इस क्रम तक पहुंचाने में शिक्षामित्रों के 15 16 वर्ष व्यतीत हो गए उदार मना संत हृदय श्री महाराज जी शिक्षामित्रों को जहां इस अवध में आपका समर्थन एवं आशीर्वाद प्राप्त होता रहा है वहीं प्रदेश में 15, 16 वर्षों तक शिक्षामित्रों से किसी को कोई परेशानी नहीं थी और ना ही हमारे द्वारा गुणवत्ता ही खराब हुई थी कुछ समय तक प्राथमिक शिक्षा की रीढ़ कहे जाने और इस अवध में सारे प्रशिक्षण और जिम्मेदारियां शिक्षामित्रों को ही दी गई जो गुणवत्ता के लिए समय-समय पर सम्मानित सरकारों द्वारा अध्यारोपित कराई गई परंतु जैसे ही 2014 में प्रदेश के शिक्षामित्रों को कार्यअनुसार शिक्षक पद पर नियुक्ति प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू हुई तुरंत प्रदेश में एक हलचल पैदा हो गई और संवैधानिक दिक्कत है आने लगी और शिक्षा मित्रों को इंटर पास जैसे शब्दों से विभूषित किया जाने लगा
महोदय न्यायिक यात्रा की गहराइयों में जाने की अत्यधिक क्षमता हम शिक्षामित्रों में अब नहीं बची है जीवन के शेष दिनों में हम सभी आप के आशीर्वाद से सुरक्षित होकर प्राथमिक शिक्षा की सेवा में व्यतीत करना चाहते हैं यह सभी शिक्षामित्र बहुत ही भयभीत हैं जिसका प्रमुख कारण हमारे 4000 से अधिक साथियों को छोड़कर चले जाना भी है महोदय आप तब भी प्रदेश कि इन युवाओं के साथ ही थे और जब माननीय न्यायालय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समायोजन रद्द किया तब हमारे इस दर्द में आपका आशीर्वाद प्राप्त हुआ और तत्कालीन सरकार को आपने संदेश दिया की कोर्ट में मजबूत पैरवी कर शिक्षामित्रों की सेवा की सुरक्षा करना चाहिए और हमें साथ खड़े रहने का भरोसा दिलाया महोदय आप के आशीर्वाद से हम माननीय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और शायद आपके संदेश से सरकार भी हमारे संघर्ष का दौर माननीय न्यायालय में चल ही रहा था की देव कृपा एवं आपके अपने एकात्म संघर्ष ने उत्तर प्रदेश की सत्ता की चाभी आपके कर कमलों में आ गई
हम इससे प्रसन्न एवं अपने को सुरक्षित महसूस कर करने लगे थे कि माननीय सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर मा सर्बोच्च न्यायालय अपनी सहमत की मुहर ही लगा दी जिसकी अनुपालन में शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर भेज दिया गया तब भी आप महोदय हमारे साथ ही थे और 35 00 पाने वाले शिक्षामित्रों को ₹10000 मानदेय बढ़ोतरी के साथ वापस किया आपके इस उदारता ने निश्चित कि हम शिक्षामित्रों के आंसुओं को पोंछने का जो प्रयास किया उसके पर हमारा संगठन आपका कृतज्ञ है और हम सभी अच्छादित होकर विभिन्न माध्यमों से अपनी आवाज आप तक पहुंचाने के लिए संघर्ष करने लगे इसी बीच संगठन के प्रतिनिधि मंडल के साथ हुए वार्ता में आपका आश्वासन मिला और आप महोदय ने माननीय उपमुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा जी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन कर दिया और अतिशीघ्र ऐसी रिपोर्ट बनाने को कहा ताकि सेवाकाल बेहतर बनाया जा सके और तबभी आप हमारे साथ थे और हमारी पीड़ा के प्रति संवेदनशील भी परंतु लंबे समय तक गठित कमेटी का प्रकाश में ना आना संशय का विषय रहा जिसके लिए शिक्षामित्रों का संघठन कई बार आदरणीय मुख्यमंत्री जी से मिला और आपके साथ पत्राचार भी किया परंतु प्रकाशन नहीं हुआ
महोदय इस पूरे घटना चक्र में हम सभी को दो अवसरों पर प्रतीत हुआ की श्रीमान जी आशीर्वाद पूर्वत प्राप्त नहीं हो रहा है प्रथम बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उपरांत जब शिक्षामित्रों ने पुनर्विचार याचिका में जाने के लिए सरकार से अनुरोध किया परंतु ऐसा नहीं हुआ और दूसरा आप महोदय के निर्देशानुसार गठित कमेटी का सार्वजनिक ना होने की दशा ने भी एहसास कराया कि कहीं ना कहीं हम सभी श्री महाराज जी के आशीर्वाद से वंचित हो रहे हैं यह भी विविध रूप शिक्षामित्रों की मौत को प्राप्त करने का एक कारण है ।।
भारत सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने का फरमान जारी हो गया है जिसके सम्बन्ध में कमेटी का गठन माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कर दिया गया है नई शिक्षा नीति के अंतर्गत संवैधानिक रूप से नियमो में संशोधन करते हुए शिक्षामित्रों का जीवन सुरक्षित किया जाए।। अतः आप महोदय से सादर प्रार्थना है कि हम शिक्षामित्रों को पूर्व की तरह अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए कमेटी द्वारा प्राप्त कराई गई रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए एवं शिक्षामित्रों की सेवा को आर्थिक व सामाजिक रूप से सुरक्षित करने हेतु निर्णय लेने की कृपा करें
बड़ी उदारता होगी
सादर भवदीय
शिव कुमार शुक्ला
प्रदेश अध्यक्ष
Sarkari Naukri समूह-ग में 423 पदों पर भर्ती, कल से आवेदन शुरू
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