📅 दिनांक: 16 जून 2025
📍 स्थान: कानपुर
उत्तर प्रदेश में इन दिनों गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुँच चुका है और लू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी विकट परिस्थिति को देखते हुए विधान परिषद सदस्य श्री अरुण पाठक ने एक महत्वपूर्ण और जनहित से जुड़ी मांग उठाई है।
🌡️ भीषण गर्मी में स्कूल चलाना खतरे से खाली नहीं
श्री अरुण पाठक ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखते हुए आग्रह किया है कि प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों को 30 जून 2025 तक बंद रखा जाए। उनका कहना है कि इस समय तेज धूप और लू के थपेड़ों में बच्चों और शिक्षकों का स्कूल आना-जाना उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया कि छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी में अधिक समय तक बाहर नहीं रह सकते। कई स्कूलों में पेयजल की सही व्यवस्था नहीं, छाया की कमी है और भवन भी पर्याप्त सुरक्षित नहीं हैं। ऐसी स्थिति में पढ़ाई की जगह स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देना अधिक ज़रूरी है।
📞 सचिव और निदेशक से फोन पर बात कर जताई चिंता
अरुण पाठक ने इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी और निदेशक प्रताप सिंह बघेल से फोन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में तापमान असहनीय स्तर तक पहुँच गया है, और यदि बच्चों व शिक्षकों को ऐसी परिस्थिति में स्कूल आने को मजबूर किया गया, तो गंभीर स्वास्थ्य संबंधी संकट उत्पन्न हो सकते हैं।
🏫 शिक्षकों की तैनाती दूरदराज इलाकों में – जोखिम और अधिक
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकांश शिक्षक और शिक्षिकाएं दूरदराज क्षेत्रों में तैनात हैं। उन्हें लंबी दूरी तय करके विद्यालय पहुँचना पड़ता है, जिसमें सड़क की स्थिति, धूप, धूल और गर्मी का असर उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुँचा सकता है। ऐसे में विद्यालय में उपस्थित होना केवल एक औपचारिकता रह जाती है, जिसका लाभ न छात्रों को होता है और न ही शिक्षा की गुणवत्ता को।
💻 ऑनलाइन माध्यम और वर्क फ्रॉम होम का सुझाव
श्री पाठक ने एक व्यवहारिक और समाधानकारी सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि इस समय शिक्षण कार्य और प्रशासनिक कार्यों को ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया जा सकता है, ठीक उसी तरह जैसे कोविड-19 के समय वर्क फ्रॉम होम किया गया था। उन्होंने कहा कि तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर शिक्षक घर से कार्य कर सकते हैं और छात्रों को भी वीडियो, वॉयस मैसेज और अन्य तरीकों से पढ़ाया जा सकता है।
📢 शिक्षा विभाग से समाधान की मांग
एमएलसी अरुण पाठक ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने सचिव और निदेशक से भी बातचीत की है, और उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि वे स्कूल शिक्षा महानिदेशक से वार्ता करके यथाशीघ्र कोई समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
📌 निष्कर्ष: बच्चों की सुरक्षा पहले, फिर शिक्षा
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट होती है – शिक्षा जरूर ज़रूरी है, लेकिन स्वास्थ्य उससे भी बड़ा विषय है। यदि सरकार, शिक्षा विभाग और शिक्षक मिलकर इस दिशा में एक संतुलित निर्णय लेते हैं, तो यह ना सिर्फ एक सामयिक समाधान होगा, बल्कि भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करेगा कि शिक्षा व्यवस्था लचीली और मानवीय भी हो सकती है।
📺 जुड़े रहें "Go With Gopal" चैनल से
हम आपके लिए इसी प्रकार की बेसिक शिक्षा, शिक्षामित्र और सरकारी स्कूलों से जुड़ी बड़ी खबरें लाते रहेंगे। इस पोस्ट को शेयर करें, अपनी राय कमेंट में दें और जुड़ें हमारी शैक्षिक यात्रा से।
0 comments:
Post a Comment