Monday, 9 July 2018
Saturday, 7 July 2018
जिला अलीगढ़ में दो खंड शिक्षा अधिकारियों का हुआ स्थानांतरण।
Gopal Singh
09:42
Basic Shiksha News, District Order
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जिला अलीगढ़ में दो खंड शिक्षा अधिकारी श्री जाकिर हुसैन एवं श्री श्याम कुमार जी का स्थानांतरण मथुरा कर दिया गया है।
दोनों खंड शिक्षा अधिकारियों के स्थानांतरण के कारण अन्य खंड शिक्षा अधिकारियों को व्यवस्था हेतु दायित्वों का परिवर्तन कर अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
इसी क्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पत्र में जारी खंड शिक्षा अधिकारियों को तत्काल नए पद और दायित्वों को का निर्वहन करने का आदेश दिया है।
District Order Aligarh |
Thursday, 5 July 2018
Tuesday, 3 July 2018
अब लकड़ी और कंडो से MDM बनाना पड़ेगा महंगा। सभी DM को दिए जांच के आदेश।
Gopal Singh
22:45
Basic Shiksha News, Government Order
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प्रदेश के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था है जिसके अंतर्गत बच्चों को मध्यान्ह में ही पका हुआ भोजन दिया जाता है। जिसके लिए सरकार ने सभी विद्यालयों में गैस कनेक्शन हेतु धनराशि आवंटित की थी और सभी विद्यालय में इसका उपयोग भी किया गया लेकिन इसके उपरांत भी शिकायत मिल रही है कि विद्यालय में भोजन अब भी लकड़ी और कंडो की सहायता से चूल्हे पर बनाया जाता है। इस शिकायत की जांच हेतु सभी जिलाधिकारियों को ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर सूची बनाने का आदेश दिया है और सूची को मांगा है।
NCTE ने किया B. ED बेरोजगारों को खुश। प्राथमिक शिक्षक बनने की दी मान्यता।
Gopal Singh
07:47
Basic Shiksha News, Shikshak Bharti Pariksha
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NCTE ने B.Ed बेरोजगारों को एक बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। अब B.Ed अभ्यर्थी भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में आवेदन कर सकेंगे।
प्राथमिक शिक्षा (एक से पांच तक) के विद्यालयों में बीएड डिग्री धारकों को शिक्षण कार्य हेतु अपात्र बताते हुए हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी और उन्हें केवल उच्च प्रथमिम (6 से 8 तक) के स्कूल में शिक्षण कार्य हेतु पात्र माना। इसी कारण ये अभ्यर्थी 68500 शिक्षक भर्ती में सम्मिलित नहीं हो पाए लेकिन NCTE के इस मान्यता पत्र के बाद 68500 भर्ती में शामिल हो सकेंगे।
Monday, 2 July 2018
जानिए अवैध टीईटी प्रकरण में वैधता की सम्भावनाएं। किसका है वैलिड टेट ? UPTET NEWS
Gopal Singh
11:12
Basic Shiksha News, CTET/UPTET
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इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा दिनांक - 30/05/2018 को दिये गए डिवीज़न बेंच के आदेश के क्रम में एवं एनसीटीई के गाइड लाइन के नियमानुसार अनुसार कौन पात्र हैं और कौन अपात्र हैं?
1- यूपी टेट या सीटेट में वही आवेदन करने हेतु पात्र है जो एक वर्षीय कोर्स जैसे बीएड की फाइनल परीक्षा दी हो और परिणाम आना बाकी।
2- बीटीसी दो वर्षीय कोर्स(चार सेमेस्टर वाला कोर्स) के लिए एक वर्ष पूरा हो और तीसरे सैमेस्टर की परीक्षा दी हो और तीसरे का परिणाम आना बाकी हो, न कि चौथे का।
3- डी एड(विशेष शिक्षा दो वर्षीय कोर्स) के लिए पहला वर्ष पूरा किये हो और दूसरे वर्ष की परीक्षा दी हो, तथा फाइनल परिणाम आना बाकी हो, क्योकि इस कोर्स में सैमेस्टर प्रणाली नही है, अर्थात दूसरे वर्ष का फाइनल परिणाम आना बाकी हो।
4- बी एल एड कोर्स ( चार वर्षीय कोर्स के लिए) दो वर्ष पूरा किये हो और तीसरे वर्ष की परीक्षा दिए हो,तथा तीसरे वर्ष का परीक्षा परिणाम आना बाकी हो।
5- वि.बीटीसी कोर्स ( विशेष प्रशिक्षण छः माह का)के लिये प्रशिक्षण पूरा करने के बाद की परीक्षा दी हो,और परीक्षा परिणाम आना बाकी हो।
इसलिए उपरोक्त लोग टेट या सीटेट देने हेतु अर्ह हैं।
30 मई 2018 के हाइकोर्ट के आदेश के क्रम में
1- बीएड का परिणाम अगर टेट परिणाम के पहले आया है तो टेट वैध अन्यथा अवैध
2- बीटीसी तृतीय सैमेस्टर का परीक्षा परिणाम अगर टेट परिणाम के पहले आया हो तो टेट वैध अन्यथा अवैध
3- डी एड(विशेष शिक्षा) का फाइनल परिणाम अगर टेट परिणाम के पहले आया हो तो वैध अन्यथा अवैध
4- बीएलएड में तीसरे वर्ष का परीक्षा परिणाम अगर टेट परिणाम के पहले आया हो वैध अन्यथा अवैध
5- वि.बीटीसी में फाइनल परीक्षा का परिणाम अगर टेट परिणाम के पहले आया हो तो वैध अन्यथा अवैध
उपरोक्त आधार पर अपना अपना टेट मिलान कर लीजिए कि वैध है कि अवैध।
उक्त के क्रम में इलाहाबाद हाई कोर्ट के डिवीज़न बेंच के द्वारा दिनांक - 30 मई को दिये गए अवैध टीईटी प्रकरण हिमांशु राणा व मो. अरसद सहित लगभग 60,000/- फर्जी बेसिक एवं जू. शिक्षकों का सेवा से बर्खास्त होना सुनिश्चित हैं, इनको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की सम्भावनाएं अति न्यून हैं, उक्त प्रकरण गोयल पीठ पर लगभग सुनवाई होना सुनिश्चित हैं जो कि अगले सप्ताह किसी भी तिथि पर सुनवाई होने की संभावना हैं, योगी सरकार लोक सभा चुनाव के दृष्टिकोण से, उक्त प्रकरण को लेकर बिल्कुल मौन हैं लेकिन बचाव में इनके साथ बिल्कुल नहीं है, सुप्रीम कोर्ट से उक्त प्रकरण खारिज होते ही सरकार कोर्ट अवमानना से बचने के लिए तुरन्त इनको सेवा से बर्खास्त करने की प्रक्रिया तुरन्त प्रारम्भ कर देगी।