मुझे नही पता कि सरकार क्या कर रही है,क्या करेगी,कब करेगी , कैसे करेगी, कितना करेगी???
लेकिन सभी ग्रुपों पर खुद अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने के चक्कर में सभी साथियों को घनचक्कर बनाने वाले दयालुओं की बढ़ती संख्या को देखकर अचम्भित जरूर हो रहा हूँ।मेरे मन मे कुछ अनुत्तरित प्रश्न हैं जिन्हें मैं आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूँ।
(१)नई शिक्षा नीति में मानदेय का कोई प्रावधान ही नही है तो मानदेय बढोत्तरी पर सरकार क्या जबाब देती???
(२) मानदेय बढोत्तरी की संभावना को नकारने की श्रंखला में बेसिक शिक्षा मंत्री जी द्वारा अवगत कराया गया कि ये किसी विशेष कारण से मानदेय बढोत्तरी नही की गई है।मंत्री जी ने ऐसा किसलिए कहा???
(३)शाम होते होते विजय किरण आनन्द का एक पत्र बेसिकशिक्षा अधिकारियों को भेज गया उसमे अबिलम्ब 20 फरवरी 2021 तक की शुद्ध और निश्चित संख्या देने को कहा गया है।अब निकालने या मानदेय वृद्धि न करने के लिये तो ऐसी कोई सूचना उक्त प्रपत्र पर तो माँगी नही गयी होगी।तो फिर यह सूचना आनन फानन में क्यों माँगी गयी है????
क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन मंत्री जी के स्पष्टीकरण से एक बात तो साफ हो गयी है कि सिर्फ मानदेय बढाने के सब्जबाग दिखाने वाले,12 महीने 62 साल सम्मानजनक मानदेय दिलाने वाले नेताओं के मुँह पर एक जोरदार तमाचा जरूर पड़ा है।इससे यह तो स्पष्ट हो ही गया कि मानदेय वृद्धि का दम्भ भरने वाले नेताओं की सिट्टी पिट्टी जरूर गुम हो गयी होगी।
इस नाजुक दौर में,आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहे पीड़ित शिक्षामित्र परिवार से करुण याचना है कि खुद और अपने परिवार को टूटने से बचाएं।वर्तमान परिस्थितियों का और मेरे द्वारा किये गए प्रश्नों का यदि विश्लेषण तल्लीनता और संयम से करेंगे तो यह परिलक्षित होगा कि हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा।
एक रहें,बचे रहें,अवसादमुक्त रहें,परिवार के साथ रहें और खुश रहें।
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