Tuesday, 28 January 2020
Sunday, 26 January 2020
शिक्षामित्र हित के लिए अब तक सबसे ज्यादा संघर्ष करने वाले संघर्षी नेता - कौन ???
Gopal Singh
17:28
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शिक्षामित्र हित के लिए अब तक सबसे ज्यादा संघर्ष करने वाले कर्मठ आदरणीय SM नेता
1-शाही जी कभी MHRD को लेटर भिजवाते कभी प्रेरणा एप्प कभी कुछ कभी कुछ कराते रहते है और SM उनकी बात को मानकर करते रहते है फिर जब SM शाही जी से माँग करते है कि शाही जी शिक्षामित्रो का अब तो कल्याण कराओ तो उनका ऑडियो आता है कोई भी साथी यह नही सोचे सरकार हमे निकाल देगी में आपको गारन्टी देता हूँ सभी को 62 बर्ष तक नॉकरी कराऊगा किसी भी माइके लाल में हिम्मत हो तो शिक्षामित्रो को निकलवा कर दिखाये वस हम खुश हो गये।
यह आदरणीय तो 62 बर्ष तक 10 हजार में ही नॉकरी करायेंगे।
2-अजय प्रताप टीम जब कोई ऐतिहासिक दिन आना होता है या कोई धरना प्रदर्शन की बात करता है तो यह टीम गारन्टी लेनी शुरू कर देती है सरकार बहुत जल्द शिक्षामित्रो का भविष्य उज्ज्वल करने जा रही है कोई भी साथी सरकार के खिलाफ कोई टीका टिप्पणी न करे।
3-लवलेश शुक्ला जी अपने घर के किसी कमरे में बैठकर शिक्षामित्रो को कभी 3 केटेगरी कभी 2 कटेगरी में बाटते रहते है कि बहुत जल्द सरकार द्वारा शिक्षक का सम्मान मिलने वाला है
बहुत जल्द पूरा वेतनमान मिलेगा।
शिक्षक का सम्मान मिलेगा।
आखिर में इन सभी सरकार के करीबी नेताओ का एक ही बक्तव्य होता है कि SM सरकार की बुराई करने से बचे नही तो सरकार जो कुछ है छीन लेगी जरा कोई साथी इनसे यह भी तो मालूम करे सरकार ने 3 साल में क्या दिया है जो उसे छीनेगी सिर्फ दर्द दुःख और समाज मे अपमान और लगभग 2000 साथियो के बच्चों को अनाथ करने के अलावा।
एक बात और कहे अगर अपने कुछ नेता गलत है तो कम हम तुम लोग भी नही है जैसे कि 124 की ड्रामेवाजी करके उमादेवी जी 9 महीनों तक इकोगार्डन में बुलाकर हम सब को बेबकुफ़ बनाती रही और हम सब बनते रहे फिर भोला शुक्ला जी आदि कोर्ट का खेल खेलकर चन्दा उगाही शुरू की और हम सब चन्दा देते रहे।
बसपा सरकार में 124 को प्रशिक्षण की अनुमति मिली फिर सपा सरकार ने सबको प्रशिक्षण कराने की अनुमति माँगी उसी आधार पर सभी को प्रशिक्षण कराया जिसमे 137 का समायोजन हो पाया फिर केन्द्र सरकार के इशारे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन पर रोक लगायी गयी समायोजन रदद् करते समय हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट सभी 172000 शिक्षामित्रो के प्रशिक्षण को वैध कर चुके है अरे आपका सुप्रीमकोर्ट ने समायोजन रदद् किया है न कि प्रशिक्षण रदद् किया है तो 124 कहाँ से सही हो गया और समायोजन रदद् करते समय ही सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षामित्रो का भविष्य राज्य सरकार पर निभर्र कर दिया था तो सरकार से माँग करना उचित है।
और एक होकर कोर्ट के किसी सही आदेश की सरकार से माँग तो करते नही।
जैसे 22/2/2018 को हाईकोर्ट द्वारा शिवपूजन की रिट का आदेश 38878 वाला
दिनेश शर्मा सिद्दार्थ नगर की रिट संख्या 55660 पर 03/01/2020 को हाईकोर्ट द्वारा जो आदेश हुआ है कि सरकार पहले योग्यता पूरी कराके यानि कि विभागीय टेट कराकर उम्र में छूट व अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रो को दो खुली भर्तियों द्वारा समायोजित करे ।
इन सब बातों पे तो ध्यान देते नही और विना जड़ बुनियाद के इधर उधर चन्दा देना शुरू कर देते है।
डा .दिनेश शर्मा जी की कमेटी की रिपोर्ट शिक्षामित्रों के काफी हित मेंं - अभय सिंह
Gopal Singh
04:31
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डा .दिनेश शर्मा जी की कमेटी की रिपोर्ट शिक्षामित्रों के काफी हित मेंं हैं । शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक तो नही बना सकते हैं लेकिन सरकार जो भी मानदेय देगी उससे शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित औऱ सम्मानजनक रहेगा औऱ मानदेय लगभग सहायक शिक्षक के समतुल्य रहेगा । मानदेय मेंं महगाई के अनुसार बढ़ोत्तरी भी होती रहेगी ।
अब इस रिपोर्ट को सरकार कब लागू करती हैं यह तिथि अभी निश्चित नही हैं ।
अब देखना यह हैं कि मा.मुख्यमन्त्री जी अगले माह मेंं होने वाले बजट सत्र मेंं इ़सके लिए बजट का प्रावधान करते हैं या नही ।
यदि अगले माह बजट पेश हुआ तो तो उम्मीद हैं कि नए सत्र मेंं आपको नया सम्मानजनक मानदेय लागू हो जाएगा ।
अतिशीघ्र ही मा.मुख्यमन्त्री जी से मिलकर शिक्षामित्रों के भविष्य सुरक्षित करने एव बजट सत्र मेंं बजट का प्रावधान करने हेतु आग्रह किया जाएगा ।
जय शिक्षामित्र ।
अभय कुमार सिंह
Sunday, 19 January 2020
शिक्षामित्र के बारे में झूठी खबर फैला रहा मीडिया। अखबार में छपी हैं भ्रामक खबर।
Gopal Singh
01:25
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शिक्षामित्रों के मामले में आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अखबारों ने भ्रामक और मनगढ़ंत छापा है!
शिक्षामित्र भोला शुक्ल बनाम यूपी सरकार मामले में कल आदेश जारी हुआ। सब से पहले आजतक पोर्टल ने खबर लगाई..
UP: 69,000 शिक्षामित्रों पर SC का आदेश- 6 हफ्ते में शुरू करें भर्ती प्रक्रिया
फिर न्यूज़ स्टेट पर खबर चली *SC ने शिक्षामित्रों पर UP सरकार को दिया निर्देश, जल्द पूरी करें भर्ती*
फिर हिंदुस्तान ने भी आजतक की खबर कॉपी पेस्ट कर दी
यूपी 69000 शिक्षक भर्ती मामला : शिक्षामित्रों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 6 हफ्ते में शुरू करें भर्ती प्रक्रिया
इस तरह सभी खबरों और चैनलों ने बिना केस को जाने समझे मनगढ़ंत खबर छाप डाली।
क्या इसे अखबारों में विधि संवाददाताओ की कमी है ये माना जाए या सरकार की चापलूसी में सरकार के मनमाफिक खबर लिखने के रिवाज़ के रूप में देखा जाय? विचारणीय है।
*क्या है मामला..*
भोला शुक्ल की याचिका में कोर्ट से मांग की गई थी कि शिक्षा मित्रों को अपग्रेड वेतन दिया जाए जैसा कि केंद्र से 38870 रुपये तय है और 2018 में जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा था कि ये लोग शिक्षकों के समान वेतन नहीं चाहते हैं बल्कि इनका वेतन अपग्रेड कर दिया जाए।
*कोर्ट ने वास्तव में क्या कहा...*
इसके जवाब में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि शिक्षामित्रों को 3500 रुपये मिलते थे अब इन्हें दस हज़ार रुपये दिए जा रहे हैं। कोर्ट ने भी सरकार की बात मानते हुए कहा
चूँकि शिक्षा मित्र नियमित रूप से नियुक्त नहीं थे और
न ही वे अर्हताधारी शिक्षक है इसलिये शिक्षक के समान वेतन पर उनका विस्तार करना उचित नहीं होगा जैसा कि वर्तमान में उनके लिए मांग पेश की जा रही है। हालांकि आंतरिक मामले पर गौर करते हुए राज्य को दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।
आगे लिखा कि कोर्ट को यह समझाया गया कि 25 जुलाई 2017 को आये यूपी सरकार बनाम आनंद कुमार यादव वाले फैसले के बाद से 69000 शिक्षकों की चयन प्रक्रिया की गई थी जिसमे 41500 शिक्षकों का चयन कर लिया गया है। इस चयन प्रक्रिया में कोर्ट के समक्ष ये साफ नहीं किया गया है कि उपलब्ध शिक्षामित्रों में से कितने शिक्षामित्र चयनित हुए हैं या नहीं।
(*वास्तव में सरकार ने कोर्ट को गलत जानकारी दी है क्योकि 68500 शिक्षको की एक भर्ती पूरी हो चुकी है और उसमें 41500 शिक्षक भर्ती भी हो चुके है, जिनमे उच्च मानदण्डों वाली भर्ती परीक्षा के कारण मात्र 7000 शिक्षामित्रों का चयन हुआ है। और 69000 भर्ती में परीक्षा के बाद 65% पासिंग मार्क्स लगा कर शिक्षामित्रों को भर्ती होने से रोका गया है। ये भर्ती भी न्यनतम पासिंग मार्क्स का मामला कोर्ट में होने के चलते रुकी हुई है वरना अब तक कभी की हो चुकी होती*)
(खबर ये छापना थी देखिये ...)
कोर्ट ने आदेश दिया *राज्य सरकार को बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों का चयन जल्दी से जल्द पूरा करना चाहिये। ताकि सभी योग्य शिक्षामित्र जो चयनित होने के आकांक्षी हैं नियमित शिक्षक के रूप में चयनित होने की प्रतिस्पर्धा का लाभ उठा सकें जैसा कि पहले से उनके लिए लाभ लेने का विस्तार किया गया था।*
(लेकिन छपी ये... जिस से शिक्षामित्रों का अब वास्ता ही नहीं है।)
इसलिए कोर्ट राज्य सरकार को ये निर्देश जारी करता है
कि चयन प्रक्रिया के लिए रिक्तियों की वास्तविक संख्या का आकलन करने के बाद, जितनी जल्दी हो सके अधिमानतः आज से छह सप्ताह से लेकर छह महीने के भीतर चयन प्रक्रिया का समापन करे।
कि चयन प्रक्रिया के लिए रिक्तियों की वास्तविक संख्या का आकलन करने के बाद, जितनी जल्दी हो सके अधिमानतः आज से छह सप्ताह से लेकर छह महीने के भीतर चयन प्रक्रिया का समापन करे।
सभी शिक्षामित्र जो यद्द्पि योग्यता रखते हैं उन्हें चयनित होने का अवसर मिले जैसाकि 25 जुलाई 2017 को आये यूपी सरकार बनाम आनंद कुमार यादव वाले फैसले के पैरा 33 में उन्हें लाभ दिया गया है।
ये राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वो वेटेज का क्या फॉर्मूला अपनाती है कोर्ट का सुझाव है कि 4 साल अनुभव वाले शिक्षामित्रों को एक फीसदी वेटेज देने का फार्मूला अपनाया जा सकता है।
Saturday, 18 January 2020
1.24 शिक्षामित्र केस का आर्डर हिंदी में। भोला शुक्ला के केस का सारांश।
Gopal Singh
19:51
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मित्रों, 1.24 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षा मित्रों की याचिका भोला शुक्ला केस मे आज आये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के निम्न तथ्य सामने आते है।
1- राज्य सरकार 6 सप्ताह के भीतर रिक्त पदों की जानकारी करके भर्ती प्रक्रिया शुरू करे, और 6 माह के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करे।।
2- राज्य सरकार किसी को भी न्यूनतम योग्यता में छूट नहीं दे सकती। सिर्फ योग्यता प्राप्त शिक्षामित्रों को आयु और भारांक (वेटेज) दिया जाये, जो राज्य सरकार के द्वारा तय किया गया हो।
4- शिक्षक भर्ती मे पूर्व में दिये गए अवसरों के बाद भी अगली भर्तियों में यह छूट प्राप्त हो सकती है।
5- सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह सलाह भी दी गयी है कि पहले से निर्धारित भारांक (वेटेज) को प्रति 4 वर्ष के अनुभव के लिए 1% बढ़ाया जा सकता है या जैसा राज्य सरकार निर्धारित करे।
कुल मिलाकर इस आर्डर के बाद अब टेट पास शिक्षामित्र साथियों के अच्छे दिन शुरू हो जायेगे। बाकी नान टेट जिन्हें 38878 का शिगूफा जो कुछ लोग दिखा रहे थे, उसपर पूर्ण विराम लग गया है। और इस आर्डर के बाद अब सरकार के रहमों करम पर ही रहना है। जो 25 जुलाई 2017 के आर्डर मे भी मेन्शन था, इसलिए मेरा तो बस एक ही सुझाव है। जो पहले भी रहा है कि बाबा बहुत दयालु है। बस उनकी दयालुता प्राप्त करने की आवश्यकता है। तभी 62 साल तक भविष्य सुरक्षित हो सकता है।
वरना आज के आर्डर को पढकर लो, अगर इसी तरह भौडापंती करते रहे तो बहुत कठिन डगर होगी पनघट की, मतलब नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद 2022 तक बिभाग मे बने रहने की। कुछ सोसल मीडिया वीर मेरी इस पोस्ट को पढने के बाद मुझे भक्त भी कहेगे, तो उनके लिए बस इतना कहूंगा कि आज के आर्डर को किसी अच्छे वकील से हिन्दी अनुवाद कराकर समझ लो, तुम भी अगर भविष्य की चिंता मे बे मन से ही सही भक्त ना बन जाओ तो कहना। धन्यवाद।।
ह्रदयेश दुबे🙏🏻
18 January: 69000 Shikshak Bharti Court Case : Rizwan Ansari
कोर्ट अपडेट------
69000 शिक्षक भर्ती पासिंग मार्क केस कोर्ट नंबर 1 मे जस्टिस पंकज जायसवाल व जस्टिस नरेन्द्र कुमार जौहरी साहब के समक्ष समय 11.25 पर टेक अप हुआ जिसमे कोर्ट के अपने केस को जल्द निर्णित की बात कही गयी जिसपर कोर्ट 23 जनवरी की डेट सुनिश्चित किया है तथा अब अपना केस नयी बेंच जो पंकज जायसवाल सर व करुनेश सिंह पवार साहब की बेंच मे जहां तक सुनवायी हो गयी उसके आगे की बहस कांटिन्यू होगी।
सभी साथियो से अपील है कि धैर्य रखे केस अब जल्द निर्णित होगा।
आपका
राम शरण मौर्य
बलरामबाजपेयी
टीम बहराइच के सभी सहयोगी साथी गण।
दिनांक18.01.2020
Friday, 17 January 2020
हताश शिक्षामित्र ने अब कुछ ऐसा करने की सोची कि, देख कर मौन हो जाएंगे सब।
Gopal Singh
03:04
Shikshamitra Association Posts, Shikshamitra Samachar
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उत्तर प्रदेश में कार्यरत हताश शिक्षा मित्रों का ऐलान महापंचायत का निर्णय संघर्ष करोगे तो विजय होगी।
उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ में होगी माह फरवरी मै ही होगी बडी मिटिंग
उत्तर प्रदेश के समस्त शिक्षा मित्र साथियों को महापंचायत की तरफ से माह फरवरी मै होने वाली मिटिंग में सादर आमंत्रित करती है। साथियों जैसा कि आप सभी लोग समझ गये होगे की राज्य सरकार ओर केन्द्र सरकार हम लोगो को मुर्ख बना रही है। राज्य सरकार को आज तीन वर्ष बीत गये 2000 शिक्षा मित्र भी खत्म हो गये मगर आज तक कोई निर्णय नहीं लिया जो केवल राजनीति से प्रतीत होता नजर आ रहा है।
महापंचायत ने मेरठ में बडी मिटिंग का ऐलान कर दिया है हर जिले से दस शिक्षा मित्र को इस मिटिंग में आमंत्रित किया गया है सभी शिक्षा मित्र साथी इसमे प्रतिभाग करे। ओर आगे की रणनीति तैयार कर आगे बडे घरों मै रहोगे तो कुछ नही कर पाओगे केवल मोत को ही गले लगाओगे।
इसलिए महापंचायत ने निर्णय लिया कि इस बार वो होगा जो अब तक नही हुआ सरकार की इस मंशा को भी शिक्षा पूरा करेगा। महापंचायत हर संगठन के साथ खडी रही ओर आगे भी सहयोग करेगी इसलिए सभी संगठनों के अध्यक्ष से अनुरोध है की इस मिटिंग में आये ओर अपने तजुर्बों से आगे की योजना बनाये ओर अपने विचारो से महापंचायत मै इकठ्ठा हुये लोगो अवगत कराने का काम करे। मा0 गाजी जी ने एक दिन के धरना-प्रदर्शन का ऐलान क्या था मगर अभी तक किसी भी रणनीति को शिक्षा मित्रों को अवगत नही कराया गया। यदि मा0 गाजी जी अपना कार्य क्रम लगाते है तो महापंचायत उनका समर्थन करती है यदि नही लगाती है तो महापंचायत के निर्णय को स्वीकार करते हुये हमारे संघर्ष को आगे बढाने में आपने संगठन के साथ मिलकर सहयोग दे।
महापंचायत मेरठ से निकालेगी शिक्षा मित्र 40 शव यात्रा
साथियों महापंचायत ने निर्णय लिया है कि इस बार वो होगा जो अब नही हुआ। हमारे हर जिले में शिक्षा मित्र खत्म हुआ जिससे मिडिया ओर सरकार ने अनदेखा क्या है इससे यही प्रतीत होता है की सरकार को शिक्षा मित्रों से कोई सहानुभूति नही है। सरकार हमेशा शिक्षा मित्रों की मोत को अनदेखा क्या है। लेकिन अब हम ऐसा नही होगा। आप सभी जिले मेरठ मै आये ओर एक डेमो अर्थी तैयार करेगे सभी जिले जिससे हम एक सडक यात्रा का रूप देगे ओर समाज को शिक्षा मित्रों पर हो रहे अत्याचार से अवगत करायेगे। यह यात्रा मेरठ से चलकर दिल्ली महात्मा गाँधी की समाधी पर जाकर सम्पन्न होगी। सभी साथियों से अनुरोध है कि की इस यात्रा को समाज के सामने लाना होगा। आगे की जानकारी दो दिनो मै बतायी जायेगी पहले सभी संगठनों के अध्यक्ष ओर आम शिक्षा मित्र मिटिंग में आये।
सदस्य
महापंचायत