वरिष्ठ अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट, श्री राजीव धवन जी का 69000/- शिक्षक भर्ती मामले पर पीड़ित शिक्षामित्रो के पैरवीकार से वार्ता करने पर दिए थे अपनी प्रतिक्रिया
कल दिनांक - 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में धवन सर से मुलाकात किया, पर कोर्ट में उन्होंने ज्यादा समय नहीं देते हुए अपने ऑफिस में बुलाया रात्रि 8 बजे 40 मिनट वार्ता हुई एक दूसरे केस के सम्वन्ध में, फिर उत्तरप्रदेश 69 हज़ार बेसिक शिक्षक भर्ती पासिंग मार्क्स प्रकरण के सम्बंध में थोड़ी चर्चा की, जिस पर उन्होंने अपने PRO से किसी से बात करने को कहा फिर PRO ने सर से कहा कि 4 मुकद्दमे जजमेंट्स के लिए अगले हफ्ते लग रहे हैं और विषम परिस्थितियों में जजमेंट नहीं आयी तो उक्त जजेस भी कंटीन्यू रहेंगें, यानी सोमवार से शुक्रवार लगभग फाइनल है, जजमेंट्स के ओपिनियन में उन्होंने कहा कि 25 जुलाई 17 के जजमेंट्स से ही यह मामला जुड़ा है तो ऐसी कोई आदेश आने की सम्भावना नहीं बन रही है जो पूर्व के जजमेंट्स को ओवर रुल्ड करे।
मैंने कहा कि सर एक एग्जाम और पासिंग मार्क्स की भिन्नता कैसे संभव है? उन्होंने हंसते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट है असीमित शक्तियां होती हैं साथ ही साथ सरकार ने अगर पूर्व के जजमेंट्स को ध्यान में नहीं रखा तो गलती उनकी है। कोर्ट ने तो ऐसा करने को कहा नहीं था, फिर भी उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले में SC को SM को रिलैक्स देना ही चाहिए क्योंकि वह एक स्पेशल वर्ग से हैं और उन्हें कुछ फायदा या नुकसान उसी कोर्ट के उसी वेंच ने एक ऑर्डर पूर्व में दे कर किया है तो फिर उस आदेश को तो प्रभावी होने की उम्मीद है?
निष्कर्ष :- सप्रीम कोर्ट 69000/- शिक्षक भर्ती मामले पर अपना फाइनल जजमेंट, 25 जुलाई - 2017 को आनंद कुमार यादव पर दिए गए फैसले के क्रम में सुनायेगी, दो भर्ती तक यूपी सरकार को किसी भी तरह की अतिरिक्त योग्यता अर्ह पीड़ित शिक्षामित्रो पर नहीं थोपना चाहिए था? जोकि शीर्ष अदालत के अनुसार असंवैधानिक हो सकता है? पीड़ित शिक्षामित्रो को राहत मिलना लगभग सुनिश्चित ?
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